"चोल राजवंश": अवतरणों में अंतर
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चोलों के उल्लेख अत्यंत प्राचीन काल से ही प्राप्त होने लगते हैं। कात्यायन ने चोडों का उल्लेख किया है। [[सम्राट अशोक|अशोक]] के अभिलेखों में भी इसका उल्लेख उपलब्ध है। किंतु इन्होंने [[संगमयुग]] में ही दक्षिण भारतीय इतिहास को संभवत: प्रथम बार प्रभावित किया। संगमकाल के अनेक महत्वपूर्ण चोल सम्राटों में करिकाल अत्यधिक प्रसिद्ध हुए संगमयुग के पश्चात् का चोल इतिहास अज्ञात है। फिर भी चोल-वंश-परंपरा एकदम समाप्त नहीं हुई थी क्योंकि रेनंडु (जिला कुडाया) प्रदेश में चोल [[पल्लव वंश|पल्लवों]], [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] तथा [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूटों]] के अधीन शासन करते रहे।
== चोलों का उदय ==
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