"रथयात्रा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
वर्तनी टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 10:
== जनकपुर मौसी का घर ==
जनकपुर में भगवान जगन्नाथ दसों अवतार का रूप धारण करते हैं। विभिन्न धर्मो और मतों के भक्तों को समान रूप से दर्शन देकर तृप्त करते हैं। इस समय उनका व्यवहार सामान्य मनुष्यों जैसा होता है। यह स्थान जगन्नाथ जी की मौसी का है। मौसी के घर अच्छे-अच्छे पकवान खाकर भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं। तब यहाँ पथ्य का भोग लगाया जाता है जिससे भगवान शीघ्र ठीक हो जाते हैं। रथयात्रा के तीसरे दिन पंचमी को लक्ष्मी जी भगवान जगन्नाथ को ढूँढ़ते यहाँ आती हैं। तब द्वैतापति दरवाज़ा बंद कर देते हैं जिससे लक्ष्मी जी नाराज़ होकर रथ का पहिया तोड़ देती है और ''हेरा गोहिरी साही'' पुरी का एक मुहल्ला जहाँ लक्ष्मी जी का मन्दिर है, वहाँ लौट जाती हैं। बाद में भगवान जगन्नाथ लक्ष्मी जी को मनाने जाते हैं। उनसे क्षमा माँगकर और अनेक प्रकार के उपहार देकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। इस आयोजन में एक ओर
== देवर्षि नारद को वरदान ==
|