"भोपाल": अवतरणों में अंतर

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भोपाल की स्थापना परमार राजा भोज ने १०००-१०५५ ईस्वी में की थी। उनके राज्य की राजधानी धार थी, जो अब मध्य प्रदेश का एक जिला है। शहर का पूर्व नाम 'भोजपाल' था जो भोज और पाल के संधि से बना था। परमार राजाओं के अस्त के बाद यह शहर कई बार लूट का शिकार बना। परमारों के बाद भोपाल शहर में अफ़गान सिपाही दोस्त मोहम्मद (1708-1740) का शासन रहा। इसिलिए भोपाल को नवाबी शहर माना जाता है,आज भी यहाँ मुगल संस्कृति देखी जा सकती है। मुगल साम्रज्य के विघटन का फ़ायदा उठाते हुए खान ने बेरासिया तहसील हड़प ली। कुछ समय बाद [[गोण्ड]] रानी कमलापती की मदद करने के लिए खान को भोपाल गाँव भेंट किया गया। रानी की मौत के बाद खान ने छोटे से गोण्ड राज्य पर कब्ज़ा जमा लिया।
 
१७२०-१७२६ के दौरान दोस्त मुहम्मद खान ने भोपाल गाँव की किलाबन्दी कर इसे एक शहर में तब्दील किया। साथ ही उन्होंने [[नवाब]] की पदवी अपना ली और इस तरह से भोपाल राज्य की स्थापना हुई। मुगल दरबार के सिद्दीकी बन्धुओं से दोस्ती के नाते खान ने [[हैदराबाद के निज़ाम]] मीर क़मर-उद-दीन (निज़ाम-उल-मुल्क) से दुश्मनी मोल ले ली। सिद्दीकी बन्धुओं से निपटने के बाद १७२३ में निज़ाम ने भोपाल पर हमला बोलकर दिया और दोस्त मुहम्मद खान को निज़ाम का आधिपत्य स्वीकार करना पड़ा।
 
[[मराठा साम्राज्य|मराठाओं]] ने भी भोपाल राज्य से [[चौथ]] (कुल [[लगान]] का चौथा हिस्सा) वसूली की। १७३७ में मराठाओं ने मुगलों को भोपाल की लड़ाई में मात दी। खान के उत्तराधिकारियों ने १८१८ में ब्रिटिश हुकुमत के साथ सन्धि कर ली और भोपाल राज्य [[ब्रिटिश राज]] की एक [[रियासत]] बन गया। १९४७ में जब भारत को आज़ादी मिली, तब भोपाल राज्य की वारिस आबिदा सुल्तान [[पाकिस्तान]] चली गईं। उनकी छोटी बहन बेगम साजिदा सुल्तान को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया। १ जून १९४९ में भोपाल राज्य का भारत में विलय<ref>[http://epaper.bhaskar.com/bhopal/120/01062017/mpcg/2/ भोपाल विलय के 68 साल- दैनिक भास्कर ]</ref> हो गया।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/भोपाल" से प्राप्त