"पी॰ ए॰ संगमा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
ऑटोमेटिक वर्तनी सु, replaced: → (4) |
Briguchetra (वार्ता | योगदान) टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 39:
वर्ष 1973 में पी.ए. संगमा प्रदेश युवा कांग्रेस समिति के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। कुछ ही समय बाद वह इस समिति के महासचिव नियुक्त हुए। वर्ष 1975 से 1980 तक पी.ए. संगमा प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव रहे। वर्ष 1977 के लोकसभा चुनावों में पी.ए. संगमा तुरा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज करने के बाद पहली बार सांसद बने। चौदहवीं लोकसभा चुनावों तक वह इस पद पर लगातार जीतते रहे। हालांकि नौवीं लोकसभा में वह जीत दर्ज करने में असफल रहे थे।<ref>{{cite web|url=http://www.rediff.com/news/1999/may/20pawar2.htm|title=CWC expels threesome for six years|trans_title=सीडब्ल्यूसी छह साल के लिए त्रिगुट से बाहर|publisher=रेडिफ़ डॉट कॉम, 20 मई 1999|language=अँग्रेजी}}</ref>
वर्ष 1980-1988 तक पी.ए. संगमा केन्द्रीय सरकार के अंतर्गत विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। वर्ष 1988-1991 तक वे मेघालय के मुख्यमंत्री भी रहे। वर्ष 1999 में कांग्रेस से निष्कासित होने के बाद शरद पवार और तारिक अनवर के साथ मिलकर पी.ए. संगमा ने नेशनल कांग्रेस पार्टी की स्थापना की। शरद पवार के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी से नजदीकी बढ़ जाने के कारण पी.ए. संगमा ने अपनी पार्टी का ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी में विलय कर नेशनलिस्ट तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की। 10 अक्टूबर 2005 को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सदस्य के तौर पर लोकसभा पद से इस्तीफा देने के बाद पी.ए. संगमा फरवरी 2006 में नेशनल कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर संसद पहुंचे। 2008 के मेघालय विधानसभा चुनावों में भाग लेने के लिए उन्होंने चौदहवीं लोकसभा से इस्तीफा दे दिया।
==पदासीन==
|