"राजगुरु": अवतरणों में अंतर

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२३ मार्च १९३१ को इन्होंने [[भगत सिंह]] तथा सुखदेव के साथ [[लाहौर]] सेण्ट्रल जेल में [[फाँसी]] के तख्ते पर झूल कर अपने नाम को [[हिन्दुस्तान]] के अमर शहीदों की सूची में अहमियत के साथ दर्ज करा दिया।
[[File:Statues of Bhagat Singh, Rajguru and Sukhdev.jpg|thumb|भगत सिंह,राजगुरु एवं सुखदेव ]]
 
==सन्दर्भ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://vicharonkadarpan.blogspot.com/2010/03/blog-post_22.html ये शहीदों की जय हिन्द बोली...] (विकास पाण्डेय)