"जम्मू और कश्मीर": अवतरणों में अंतर

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==भारतीय संविधान में जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति ==
भारत के संवैधानिक प्रावधान स्वतः जम्मू तथा कश्मीर पर लागू नहीं होते। केवल वहींवही प्रावधान जिनमेजिनमें स्पष्ट रूप से कहा जाए कि वे जम्मू कश्मीर पेपर लागू होते हैहोंगे, उस पर लागू होते हैं। जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति का ज्ञान इन तथ्यों से होता है-
 
1. जम्मू कश्मीर संविधान सभा द्वारा निर्मित राज्य संविधान से वहाँ का कार्य चलता हैहै। येयह संविधान जम्मू कश्मीर के लोगों को राज्य की नागरिकता भी देता हैहै। केवल इस राज्य के नागरिक ही संपत्ति खरीद सकते हैहैं या चुनाव लडलड़ सकते हैहैं या सरकारी सेवा ले सकते हैहैं।
 
2. भारतीय संसद जम्मू कश्मीर से संबंध रखने वाला ऐसा कोई कानून नहीं बना सकती है जो इसकी राज्य सूची का विषय होहो।
 
3. अवशेष शक्ति जम्मू कश्मीर विधान सभा के पास होती हैहै।
 
4. इस राज्य पर सशस्त्र विद्रोह की दशा मेमें या वित्तीय संकट की दशा मेमें आपात काल लागू नहीं होता हैहै।
 
5. भारतीय संसद राज्य का नाम क्षेत्र सीमा बिना राज्य विधायिका की स्वीकृति के नहीं बदलेगींबदलेगी।
 
6. राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति राज्य मुख्यमंत्री की सलाह के बाद करेगीकरेंगे।
 
7. संसद द्वारा पारित निवारक निरोध नियम राज्य पर अपने आप लागू नहीं होगाहोगा।
 
8. राज्य की पृथक [[दंड संहिता]] तथा [[दंड प्रक्रिया संहिता]] हैहै।
 
== इन्हें भी देखें ==