"संगठन": अवतरणों में अंतर

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|राष्ट्रीय समाजिक संगठन
[[Image:UN Institutions.svg|right|thumb|350px|संयुक्त राष्ट्र की संरचना]]
'''संगठन''' (organisation) वह सामाजिक व्यवस्था या युक्ति है जिसका लक्ष्य एक होता है, जो अपने कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वयं का नियन्त्रण करती है, तथा अपने पर्यावरण से जिसकी अलग सीमा होती है। संगठन तरह-तरह के हो सकते हैं - सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सैनिक, व्यावसायिक, वैज्ञानिक आदि।
 
== परिचय ==राष्ट्रीय समाजिक संगठन
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर किसी एक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कार्यशील होते हैं तो
संगठन की आवश्यकता पड़ती है। उद्देश्य के अल्पकालीन होने से संगठन की आवश्यकता में कमी नहीं
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व्यवसाय की प्रत्येक समस्या का उत्तर है।
 
=== अर्थ एवं परिभाषा===
=== अर्थ एवं परिभाषा=== राष्ट्रीयसमाजिक संगठन एक समुदक एवं स्वगसेवि संगठन है। यह संगठन प्रकृति निर्मित प्राणियों एवं मानव सेवा संगठन है
मनुष्य के लक्ष्यों की प्राप्ति का आधार संगठन ही है। संगठन कार्यों, साधनों एवं संबंधों की एक
औपचारिक अवस्था है जिसके द्वारा प्रबन्ध अपना कार्य सम्पन्न करता है। जब दो या अधिक व्यक्ति
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जब दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर किसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए कार्य करते हैं तो उनके बीच
स्थापित संबंधों एवं अन्तःक्रियाओं की संरचना को राष्ट्रीय समाजिक'संगठन' कहते हैं।
 
== महत्त्व ==
== महत्त्व == राष्ट्रीय समाजिक संगठन प्रधान कार्यलय सीन एंन नाथपुर नरपतगंज अररिया बिहार National president social scientists co-social reformer shashibhushan gandhi एक भारतीय समाज सेवी एवं समाजिक वैज्ञानिक सह समाज सुधारक है।
संगठन, प्रबन्ध अध्ययन का एक उत्तेजक एवं चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। व्यवसाय में ही नहीं, बल्कि प्रत्येक क्षेत्र में सफलता का आधार सुदृढ़ संगठन एवं समन्वय व्यवस्था ही है। आज मनुष्य की सभी क्रियाएँ संगठन के अन्दर ही होती है। संगठन के बिना मानव जीवन की कोई भी क्रिया व्यवस्थित रूप से नहीं चल सकती है। हम संगठन में ही जन्म लेते हैं, शिक्षा प्राप्त करते हैं तथा हममें से अधिकांश लोग संगठन में ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं। संगठन के बिना प्रबन्ध वैसे ही प्रभावहीन है जैसे बिना आत्मा के शरीर।
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/संगठन" से प्राप्त