"अल्बानियाई भाषा": अवतरणों में अंतर

छो हिंदुस्थान वासी ने अल्बेनियन भाषा पृष्ठ अल्बानियाई भाषा पर स्थानांतरित किया
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
पंक्ति 1:
'''अल्बानियाई''' एक अनोखी भारोपीय भाषा है, जो मुख्यतः [[अल्बानिया]] और [[कोसोवो]] के अलावा बाल्कन के अनेक क्षेत्रों, पश्चिमी [[मेसेडोनिया]], [[मान्टेग्रो]] और दक्षिणी [[सर्बिया]] में रहने वाले करीबन 60 लाख अल्बेनियाई लोगों द्वारा बोली जाती है। अल्बानियाई [[ग्रीस]], दक्षिणी [[इटली]] के पूर्वी तट और सिसली में भी बोली जाती है। इसके अलावा पिछले दो शताब्दियों से बाल्कल क्षेत्र से विश्व भर में फैले हुए के लोगों, खासतौर से [[उत्तरी अमेरिका]] और पश्चिमी [[यूरोप]] में, द्वारा करीबन तीस लाख लोगों द्वारा यह भाषा बोली जाती है।
'''अल्बेनियाई भाषा''' [[भारतीय यूरोपीय परिवार]] की प्राचीन भाषा है। यह अपने प्राय: मौलिक रूप में अल्बेनियाई जनता की प्राचीन प्रथाओं की भांति आज भी विद्यमान है। इसके बोलनेवालों की संख्या लगभग दस लाख है। उत्तरी और दक्षिणी दो बोलियों के रूप में यह प्रचलित है। उत्तरी बोली को "ग्वेगुइ" कहते हैं और दक्षिणी को "तोस्क"। इनके संज्ञा रूपों में किंचित् भेद है : ग्वेगुई में स्वरों के मध्य का "न" तोस्क में "रा" हो जाता है। इन बोलियों का भारतीय यूरोपीय रूप इनके सर्वनामों तथा क्रियापदों में आज भी सुरक्षित है। यथा : तो (दाऊ-अंग्रेजी; तू-हिंदी); ना (वी-अंग्रेजी, हम-हिंदी); जू (यू-अंग्रेजी, तुम-हिंदी) तथा क्रियापदों में रूपविधान : दोम (मैं कहता हूँ); दोती (वह कहता है); दोमी (हम कहते हैं); और दोनी (वे कहते हैं)।
 
'''अल्बेनियाई भाषा''' [[भारतीय यूरोपीय परिवार]] की प्राचीन भाषा है। यह अपने प्राय: मौलिक रूप में अल्बेनियाई जनता की प्राचीन प्रथाओं की भांति आज भी विद्यमान है। इसके बोलनेवालों की संख्या लगभग दस लाख है। उत्तरी और दक्षिणी दो बोलियों के रूप में यह प्रचलित है। उत्तरी बोली को "ग्वेगुइ" कहते हैं और दक्षिणी को "तोस्क"। इनके संज्ञा रूपों में किंचित् भेद है : ग्वेगुई में स्वरों के मध्य का "न" तोस्क में "रा" हो जाता है। इन बोलियों का भारतीय यूरोपीय रूप इनके सर्वनामों तथा क्रियापदों में आज भी सुरक्षित है। यथा : तो (दाऊ-अंग्रेजी; तू-हिंदी); ना (वी-अंग्रेजी, हम-हिंदी); जू (यू-अंग्रेजी, तुम-हिंदी) तथा क्रियापदों में रूपविधान : दोम (मैं कहता हूँ); दोती (वह कहता है); दोमी (हम कहते हैं); और दोनी (वे कहते हैं)।
 
इसकी अधिकांश शब्दावली विदेशी शब्दों से मिलकर बनी है, यद्यपि भारतीय यूरोपीय परिवार के अनेक मौलिक शब्द इसमें आज भी विद्यमान हैं। प्राचीन [[यूनानी भाषा|ग्रीक भाषा]] से बहुत ही कम शब्द इसमें आए प्रतीत होते हैं, किंतु मध्यकालीन तथा आधुनिक ग्रीक से अवश्य कुछ शब्द घूम फिरकर (और कभी-कभी वेश बदलकर भी) इस भाषा में आ गए हैं। जैसे "लिपसेत" (यह आवश्यक है) शब्द सर्बियन भाषा से अल्बेनियाई में आया, किंतु उससे पहले सर्बिया ने इसे ग्रीक से लिया था। स्लाव भाषाओं से भी अनेक शब्द लिए गए हैं। क्लासिकी युग में प्राचीन ग्रीक का प्रभाव अल्बेनिया तक नहीं पहुँच पाया, जबकि लातीनी प्रभाव बहुत पहले से ही वहाँ तक पहुँच चुका था। अल्बेनियाई अंकावली में चार के लिए "कत्रे" तथा शत के लिए "क्विद्" शब्द अवश्य ही लातीनी भाषा के हैं। जबकि "पेस" (पाँच) और दहेत (दश) मूल भारतीय-यूरोपीय-परिवार के हैं। इसी प्रकार लातीनी "अमीकस" (दूध) अल्बेनियाई में "मीक" रह गया है।
Line 7 ⟶ 9:
{{साँचा:विश्व की प्रमुख भाषाएं}}
 
[[श्रेणी:विश्वहिन्द-यूरोपीय की प्रमुख भाषाएंभाषाएँ]]
[[श्रेणी:चित्रअल्बानियाई जोड़ेंभाषा|*]]
[[श्रेणी:अल्बानिया की भाषाएँ]]
[[श्रेणी:यूनान की भाषाएँ]]
[[श्रेणी:सर्बिया की भाषाएँ]]
[[श्रेणी:इटली की भाषाएँ]]
[[श्रेणी:बुल्गारिया की भाषाएँ]]