"कमलादेवी चट्टोपाध्याय": अवतरणों में अंतर

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डॉ॰ कमलादेवी ने आजादी के तुरंत बाद शिल्पों को बचाए रखने का जो उपक्रम किया था उसमें उनकी नजर में बाजार नहीं था। उनकी पैनी दृष्टि यह समझ चुकी थी कि बाजार को हमेशा सहायक की भूमिका में रखना होगा। यदि वह कर्ता की भूमिका में आ गया तो इसका बचना मुश्किल होगा, परंतु पिछले तीन दशकों के दौरान भारतीय हस्तशिल्प जगत पर बाजार हावी होता गया और गुणवत्ता में लगातार उतार आता गया। भारतभर के हस्तशिल्प विकास निगमों ने शिल्पों को बाजार के नजरिये से देखना शुरू कर दिया। उनको इसमें आसानी और सहजता भी महसूस हो रही थी।
 
'''कमलादेवी चट्टोपाध्याय''' को लिखने का भी सौख था और उन्होंने कई पुस्तके लिखी जो लोगो में काफी चर्चित हुयी और लोगो ने उनके द्वारा लिखी पुस्तकों को काफी सराहा
* द अवेकिंग ऑफ इंडियन वोमेन
* जापान इट्स विकनेस एंड स्ट्रेन्थ
* अंकल सैम एम्पायर
* ‘इन वार-टॉर्न चाइना
* टुवर्ड्स ए नेशनल थिएटर’
 
=== '''सम्मान और पुरस्कार''' ===
* वर्ष 1955 पद्म भूषण
* 1966 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया
* सामुदायिक नेतृत्व के लिए वर्ष  से सम्मानित किया गया था
* संगीत नाटक अकादमी की द्वारा ‘फेलोशिप और रत्न सदस्य’ से सम्मानित किया गया
* वर्ष 1974 में  संगीत नाटक अकादमी के द्वारा  ‘लाइफटाइम अचिवेमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
* वर्ष 1977 में यूनेस्को ने हेंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया.
* वर्ष 1987 पद्म विभूषण
* शान्ति निकेतन ने अपने सर्वोच्च सम्मान ‘देसिकोट्टम’ से सम्मानित किया
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.kamat.com/kalranga/people/pioneers/kamaladevi.htm The Pioneers: Kamaladevi Chattopadhyaya]
* [https://hindihainham.com/kamaladevi-chattopadhyay-biography/ कमलादेवी चट्टोपाध्याय के बारे में विस्तार से] (हिंदी हैं हम ब्लॉग)
 
{{रेमन मैगसेसे पुरस्कार विजेता भारतीय}}