"ययाति": अवतरणों में अंतर

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* वृहस्पति के पुत्र कच गुरु शुक्राचार्य के आश्रम में रह कर सञ्जीवनी विद्या सीखने आये थे। देवयानी ने उन पर मोहित होकर उनके सामने अपना प्रणय निवेदन किया था किन्तु गुरुपुत्री होने के कारण कच ने उसके प्रणय निवेदन को अस्वीकार कर दिया। इस पर देवयानी ने रुष्ट होकर कच को अपनी पढ़ी हुई विद्या को भूल जाने का शाप दिया। कच ने भी देवयानी को शाप दे दिया कि उसे कोई भी ब्राह्मण पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं करेगा।
==स्रोत==
 
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[[श्रेणी:धर्म]]
[[श्रेणी:हिंदू धर्म]]
[[श्रेणी:धर्म ग्रंथ]]
[[श्रेणी:पौराणिक कथाएँ]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ययाति" से प्राप्त