"चार्वाक दर्शन": अवतरणों में अंतर

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'''चार्वाक दर्शन''' एक भौतिकवादी नास्तिक [[दर्शन]] है।<ref>{{cite web|url=http://hindi.firstpost.com/politics/who-was-rishi-charvak-whom-narendra-modi-quoted-in-banaskantha-gujrat-4797.html|title=कौन थे चार्वाक ऋषि जिनका पीएम मोदी ने दिया हवाला}}</ref> यह मात्र प्रत्यक्ष [[प्रमाण]] को मानता है तथा पारलौकिक सत्ताओं को यह सिद्धांत स्वीकार नहीं करता है। यह दर्शन वेदबाह्य भी कहा जाता है।
 
वेदवाह्यवेदबाह्य दर्शन छ: हैं- चार्वाक, माध्यमिक, योगाचार, सौत्रान्तिक, वैभाषिक, और आर्हत। इन सभी में वेद से असम्मत सिद्धान्तों का प्रतिपादन है।
 
चार्वाक प्राचीन भारत के एक अनीश्वरवादी और नास्तिक तार्किक थे।<ref>{{cite web|url=http://www.livehindustan.com/news/guestcolumn/article1-followers-of-charvak-787800.html|title=चार्वाक के अनुयायी}}</ref> ये नास्तिक मत के प्रवर्तक [[बृहस्पति]] के शिष्य माने जाते हैं। बृहस्पति और चार्वाक कब हुए इसका कुछ भी पता नहीं है। बृहस्पति को [[चाणक्य]] ने अपने [[अर्थशास्त्र ग्रन्थ]] में अर्थशास्त्र का एक प्रधान आचार्य माना है।