"मैणा-मवालस्यूं-१, चौबटाखाल तहसील": अवतरणों में अंतर

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यह गाँव 1816 मॆं बसा था ! ग्राम पँचुर निवासी रूद्रदेव जी के पुत्र अपु जी के जेष्ट पुत्र मैंणु राम के नाम से इस गाँव का नाम मैंणा पड़ा !मैणु राम जी के पुत्र ननथु जी के दो पत्नियों से तीन बेटे हुए जिनमे एक पत्नी के जीव राम और तुला राम थे दूसरी पत्नी के अन्नू जी थे ! जीव राम और तुला राम अपनी सौतेली माँ के व्यवहार से दुखी होकर कुमाऊँ जाकर बस गये वंहा अथक परिश्रम से दोनों भाइयों के पास 100 से अधिक भैंसे थी ! अपनी माँ की मृत्यु के बाद अन्नू जी कॊ भाइयों की याद आयी और वे अपने दोनों भाइयों कॊ मिलने कुमाऊँ गये और मान मनोबल से उनको मनाकर वापस ईडा गाँव लाये ! ज्यादा भैंसों की वजह से इनको अपना ठीकाना अमेली जंगल में बनाना पड़ा ! गोरखों के राज़ में येजगह इनके लिय सुरक्षित भी रही और बाद में 1816 में तुला राम जी मैंणा आकर बस गये और यंहि से मैणा गाँव की शुरुवात हुई 1826 मॆं ईडा से चौहान परिवार भी यँहा आकर बस गया था ईडा मॆं चौहान लोग श्रीकोट से आकर बस गये थे ईडा गाँव से मैणा का लगाव बहूत लम्बे अरसे तक चला 1980 तक यदि ईडा में किसी की मृत्य होती थी तो धार से एक व्यक्ति मैंणा वालों के लिय आवाज लगाता था ईडा का अर्थ दुर्गा पूजा की उपासना से है एक बार ईडा गाँव में एक रेकॉर्ड अफसर कुन्दन सिंह आये थे उनका कहना था की इस गाँव की भौगोलिक स्थिति कॊ देखकर लगता है की किसी बिगड़े हुए रईस ने इस गाँव कॊ बसाया होगा !और कहा ये भी जाता था की सगोडा से साग पात पिलखेरा से दाल व अनाज और मैणा से दूध घी ईडा गाँव पंहुचाया जाता था ! इस साग पात की सप्लाई से सगोड गाँव का नाम सगोड पड़ा ! इस बात की मुझे कोई जानकारी नही की ऐसा क्यों होता था मैंणा वाले तो उनके भाई थे लेकिन सगोड से इनका तो कोई रिश्ता नही था ! सगोड वाले तो बुरसलि वालों के भाई बिरादरी के थे ! या तो ईडा वाले तब के सचमुच के रईस रहे होंगे या कमीन थोकदार कुछ राज्य के मुलजिम !
 
ईडा से जुड़े प्रसंग से एक जानकारी यह भी है की चौहान परिवार अपने साथ एक औजी कॊ भी साथ मैणा गाँव लाये थे मगर वह औजी परिवार कँहा गया मैंणा गाँव में रुम्जी दास जी गजेर से आकर यँहा बसे थे !ईडा से सुंगरू जी बसे थे लेकिन ये सन 1900 के बाद बसे थे ! रुम्जी दास जी से पूर्व के औजी मूसासु के चुंगन्या जी थे ऐसे में जो औजी चौहानौ के साथ आया वो या तो वापस चला गया या आगे उनका यंहा कोई वंशज नही हुआ !ऐसे कई प्रश्न अभी अनुतरित है हो सकता है चौहान वंशावली से कुछ प्रश्नों का जवाब मिल जाय !
 
वर्तमान समय मॆं इस गाँव की आधे से अधिक आबादी पलायन कर चुकी है यह गाँव सगोडा गाँव की तरफ़ से सड़क मार्ग से भी जुड़ा है यहाँ बिजली और पानी भी है मूलभूत सुविधाओं के बावजूद यहाँ कुछ लोग ही खेती कर रहे है यंहा कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीँ है गम्भीर बीमारी होंने पर किसी कॊ स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल ले जाने वाला सड़क मार्ग से दूरी बहूत अधिक है पिलखेरा की तरफ़ का सड़क मार्ग इस मामले मॆं बेहतर हो सकता था लेकिन पिछले बीस साल से यहसड़क मार्ग अधर मॆं लटका पड़ा है यहाँ कोई विधायक या सांसद इस मार्ग कॊ पूरा करने के लिय कोई दिलचस्पी नहीँ दिखा रहा है