"कार्बोहाइड्रेट": अवतरणों में अंतर

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छो कार्बोहाइड्रेट, संरचना तथा प्रकार
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[[Image:D-glucose-chain-2D-Fischer.png|thumb|[[ग्लूकोज]], कार्बोहाइड्रेट का एक उदाहरण है जिसमें 6 कार्बन परमाणु, 5 OH समूह और 1 एल्डिहाइड समूह होता है। ]]
रासायनिक रुप से ‘‘कार्बोहाइड्रेट्स पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन्स होते हैं तथा स्वयं के जलीय अपघटन के फलस्वरुप पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन्स देते हैं।’’ '''कार्बोहाइड्रेट्स''', कार्बनिक पदार्थ हैं जिसमें [[कार्बन]], [[हाइड्रोजन]] व [[आक्सीजन]] होते है। इसमें हाइड्रोजन व आक्सीजन का अनुपात [[जल]] के समान होता है। कुछ कार्बोहाइड्रेट्स सजीवों के शरीर के रचनात्मक तत्वों का निर्माण करते हैं जैसे कि सेल्यूलोज, हेमीसेल्यूलोज, काइटिन तथा पेक्टिन। जबकि कुछ कार्बोहाइड्रेट्स [[उर्जा]] प्रदान करते हैं, जैसे कि मण्ड, शर्करा, [[ग्लूकोज़]], ग्लाइकोजेन. कार्बोहाइड्रेट्स स्वाद में मीठा होते हैं। यह शरीर मे शक्ति उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत है। शरीर को शक्ति और गर्मी प्रदान करने के लिए चर्बी की भांति यह कार्य करता है। कार्बोहाइड्रेट्स चर्बी की अपेक्षा शरीर मे जल्दी पच जाते है। शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स दो प्रकार से प्राप्त होते है, पहला माड़ी अर्थात स्टार्च तथा दूसरा चीनी अर्थात शुगर। [[गेहूं]], [[ज्वार]], [[मक्का]], [[बाजरा]], मोटे अनाज तथा [[चावल]] और [[दाल]] तथा जड़ो वाली सब्जियो मे पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट्स को माड़ी कहा जाता है। केला, अमरूद, गन्ना, चुकंदर, खजूर, छुआरा, मुनक्का, अंजीर, शक्कर, शहद, मीठी सब्जिया, सभी मीठी खाद्य से प्राप्त होने वाले कार्बोहाइड्रेट्स अत्यधिक शक्तिशाली और स्वास्थ्य के लिय लाभदायक होते है परन्तु इनकी अधिकता अनेक खतरनाक जानलेवा रोगो को भी जन्म देती है जिसमे प्रमुख रूप से [[अजीर्ण]], [[मधुमेह]], [[अतिसार]] रोग होते है। इसमे अत्यधिक [[मोटापा|वजन बढ जाने]] से भी जीवन को खतरा उत्पन्न हो जाता है।
प्रकार - ये तीन प्रकार के होते हैं -
 
(1) मोनोसैकराइड्स - ये सरल कार्बोहाइड्रेट होते हैं। इनका जलीय अपघटन संभव नहीं होता है। ये आधारभूत कार्बोहाइड्रेट होते हैं।ये जल में विलेय होते हैं। जैसे- पेण्टोज, हेक्सोज (ग्लूकोज) आदि।
(2) ओलिगोसैकराइड्स - ये 2 से 10 मोनोसैकराइड्स के संगठन से बनते हैं। जैसे - सुक्रोज, माल्टोज, लैक्टोज आदि।
(3) पालिसैकराइड्स - यह 10 से लेकर 1000 या उसे भी अधिक मोनोसैकराइड्स से बनते हैं। ये पानी में अविलेय होते हैं। जैसे - स्टार्च, सेल्यूलोज, ग्लाइकोजन, काइटिन आदि।
कार्य तथा महत्त्व -
(1) पादप कोशिका के चारों ओर सेल्यूलोज पाई जाती हैं।
(2) जंतुओं तथा पौधों में भोजन ग्लाइकोजन तथा स्टार्च के रूप में संग्रहित होता है।
(3) इसका उपयोग वस्त्र निर्माण फर्नीचर, छपाई, फोटोग्राफी, आदि में किया जाता है।
==वर्गीकरण==
* शर्करा (sugars)