"नेपाल": अवतरणों में अंतर

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[[हिमालय]] क्षेत्र में मनुष्यों का आगमन लगभग ९,००० वर्ष पहले होने के तथ्य की पुष्टि [[काठमांडू उपत्यका]] में पाये गये [[नवपाषाण युग (नियोलिथिक)|नव पाषाण]] औजारों से होती है। सम्भवतः तिब्बती-बर्माई मूल के लोग नेपाल में २,५०० वर्ष पहले आ चुके थे।<ref name=Library_of_Congress>{{cite web | title= A Country Study: Nepal | work=Federal Research Division, Library of Congress | url=http://memory.loc.gov/frd/cs/nptoc.html | accessdate=सितम्बर 23 | accessyear=2005 }}</ref>
 
१५०० ईसा पूर्व के आसपास [[आर्य वंश|हिन्द-आर्यन]] जातियों ने [[काठमांडू]] उपत्यका में प्रवेश किया।{{उद्धरण आवश्यक}} करीब १००० ईसा पूर्व में छोटे-छोटे राज्य और राज्य संगठन बनें। नेपाल स्थित जनकपुर में भगवान श्रीरामपत्नी माता सिताजी का जन्म 7500 ईसा पुर्व हुआ।[[सिद्धार्थ गौतम]] (ईसापूर्व ५६३–४८३) [[शाक्य]] वंश के [[राजकुमार]] थे, उनका जन्म नेपाल के [[लुम्बिनी]] में हुआ था, जिन्होंने अपना राज-पाट त्याग कर [[तप|तपस्वी]] का जीवन निर्वाह किया और वह [[बुद्ध]] बन गए।
 
२५० ईसा पूर्व तक इस क्षेत्र में उत्तर [[भारत]] के [[मौर्य साम्राज्य]] का प्रभाव पड़ा और बाद में चौथी शताब्दी में [[गुप्तवंश]] के अधीन में कठपुतली राज्य हो गया। इस क्षेत्र में ५वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में आकर [[वैशाली]] के ''[[लिच्छवि|लिच्छवियों]]'' के राज्य की स्थापना हुई। ८वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में [[लिच्छवि]] वंश का अस्त हो गया और सन् ८७९ से [[नेवारी|नेवार]] (नेपाल की एक जाति) युग का उदय हुआ, फिर भी इन लोगों का नियन्त्रण देशभर में कितना हुआ था, इसका आकलन कर पाना कठिन है। ११वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में [[दक्षिण भारत]] से आए [[चालुक्य राजवंश|चालुक्य साम्राज्य]] का प्रभाव नेपाल के दक्षिणी भूभाग में दिखा। चालुक्यों के प्रभाव में आकर उस समय राजाओं ने [[बौद्ध धर्म]] को छोड़कर [[हिन्दू धर्म]] का समर्थन किया और नेपाल में धार्मिक परिवर्तन होने लगा।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/नेपाल" से प्राप्त