"कलीसिया": अवतरणों में अंतर
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इस बात से सहमत हैं कि ईसा ने केवल एक ही कलीसिया की स्थापना की थी, किंतु अनेक कारणों से ईसाइयों की एकता अक्षुण्ण नहीं रह सकी। फलस्वरूप आजकल ईसाई धर्म के बहुत से कलीसिया अथवा संगठन वर्तमान हैं जो एक दूसरे से पूर्णतया स्वतंत्र हैं। उनका वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है :
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इसका संगठन सबसे सुदृढ़ है एवं विश्व भर के अधिकांश ईसाई इसके सदस्य हैं। [[रोमन कैथोलिक]] [[रोम]] के [[पोप]] को सर्वोच्च धर्मगुरु मानते हैं। ये स्वयं ही एक चर्च है।
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पूर्व यूरोप के प्राय: सभी ईसाई जो शताब्दियों पहले [[रोम]] से अलग हो गए हैं, अधिकांश आर्थोदोक्स (Orthodox) कहलाते हैं। [[ऑर्थोडॉक्स]] रोम के पोप को नहीं मानते, पर अपने-अपने राष्ट्रीय धर्मसंघ के [[पैट्रिआर्क]] को मानते हैं और परम्परावादी होते हैं। हर राष्ट्र का सामान्यतः अपना अलग ही चर्च होता है।
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यह 16वीं शताब्दी में प्रारंभ हुआ था। [[प्रोटेस्टेंट]] किसी [[पोप]] को नहीं मानते और इसके बजाय बाइबिल में पूरी श्रद्धा रखते हैं। इस साम्प्रदाय में कई चर्च आते हैं।
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यद्यपि प्रारंभ ही से ऐंग्लिकन चर्च पर प्रोटेस्टैंट धर्म का प्रभाव पड़ा, फिर भी अधिकांश ऐंग्लिकन ईसाई अपने को प्रोटेस्टैंट नहीं मानते।
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