"कर्म योग": अवतरणों में अंतर

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कर्म योग विषय और गीता का तीसरा अध्याय कर्मयोग दोनों भिन्न विषय होने के कारण विलय नहीं हो पाया।
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{{सन्दूक हिन्दू धर्म}}
'''कर्म योग''' ''योगा कर्मो किशलयाम'' अर्थात कर्म में लीन होना।