"१७२९ (संख्या)": अवतरणों में अंतर
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[[श्रीनिवास रामानुजन्]] एक प्रकार से [[संख्या]]ओं के जादूगर थे। संख्याओं के साथ उनका गहरा संबंध था। हम कह सकते हैं कि वे संख्याओं के साथ खेलते थे। श्रीनिवास रामानुजन जब इंग्लैंड में थे तो अक्सर बीमार रहते थे। उनके परामर्शदाता जी.एच. हार्डी ने, न केवल उनकी प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने में निर्णायक भूमिका निभाई, बल्कि उनके विदेश प्रवास के दौरान उनके स्वास्थ्य का ध्यान भी रखा। लगभग प्रतिदिन ही वह रामनुजन को ठीक से खाना खाने और नियमित रूप से दवाइयां न लेने के लिए डांटते थे। ऐसे ही एक दिन जब रामानुजन अस्पताल में थे तो हार्डी उनसे मिलने आए। हार्डी उस दिन बहुत उदास लग रहे थे। रामनुजन ने उनसे पूछा, ‘‘आप इतने परेशान क्यों लग रहे हैं, आज तो मैं अपेक्षाकृत पहले से बेहतर हूँ।’’
हार्डी ने उत्तर दिया, तुम तो संख्याओं के जादूगर हो, परन्तु आज मैं जिस टैक्सी में आया हूँ मुझे उसका नम्बर बहुत ही नीरस लगा। ‘‘क्या नंबर था?’’ रामानुजन ने पूछा। हार्डी ने कहा, ‘‘उसका नंबर था 1729। तुरंत रामानुजन ने उत्तर दिया, शायद 1729 से
तब से यह संख्या रामानुजन संख्या के नाम से प्रसिद्ध हो गई।
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