"चक्रवाल विधि": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: आंशिक वर्तनी सुधार। |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1:
{{आधार}}
'''चक्रवाल विधि''' [[अनिर्धार्य समीकरण|अनिर्धार्य]] [[वर्ग समीकरण|वर्ग समीकरणों]] (indeterminate quadratic equations) को हल करने की चक्रीय विधि है। इसके द्वारा [[पेल का समीकरण|पेल के समीकरण]] का भी हल निकल जाता है। इसके आविष्कार का श्रेय प्राय [[भास्कराचार्य|भास्कर द्वितीय]] को दिया जाता है किन्तु कुछ लोग इसका श्रेय [[जयदेव (गणितज्ञ)|जयदेव]] (950 ~ 1000 ई) को भी देते हैं।
इस विधि का नाम 'चक्रवाल' (चक्र की तरह वलयिय (भ्रमण)) इसलिए पड़ा है क्योंकि इसमें कुट्टक से गुण लब्धि के बाद पुनः वर्गप्रकृति और पुनः कुट्टक किया जाता है।
६२८ ई में [[ब्रह्मगुप्त]] ने
:<math>\,x^2 = Ny^2 + 1,</math> ( यहाँ '''N''' एक पूर्णांक है किन्तु पूर्णवर्ग नहीं है।)
|