"नंदलाल बोस": अवतरणों में अंतर

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|title=नन्दलाल बोस|accessmonthday=[[20 जून]]|accessyear=[[2007]] |format= एसएचटीएमएल|publisher= इंडियन आर्ट सर्किल|language=अंग्रेज़ी}}</ref> उन्होंने 1905 से 1910 के बीय कलकत्ता गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट में अबनीन्द्ननाथ ठाकुर से कला की शिक्षा ली, इंडियन स्कूल ऑफ़ ओरियंटल आर्ट में अध्यापन किया और 1922 से 1951 तक [[शान्तिनिकेतन]] के कलाभवन के प्रधानाध्यापक रहे।
 
जून 1903 में एक पारिवारिक मित्र की बेटी सुधीरादेवी के साथ नंदलाल का विवाह सम्पन्न हुआ. नंदलाल के ह्रदय में हमेशा से ही कला की पढाई करने का सौख था. जिसके कारन  5 सालों तक चित्रकला की विधिवत शिक्षा ली. कलकत्ता गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट में 1905 से लेकर 1910 तक अबनीन्द्ननाथ टैगोर से कला की शिक्षा ली. नंदलाल बोस [[अजंता गुफाएँ|अजंता]] के भित्ति चित्रों से बहुत ज्यादा ही प्रभावित थे.
 
आगे चल कर उनकी प्रतिभा को देखाते हुये उन्हें  सन 1922 में शान्तिनिकेतन स्थित ‘कला भवन’ का प्रधानाध्यापक बनाया गया. और वो सन 1951 तक इस पद को संभालते रहे. भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पं. [[जवाहरलाल नेहरू]] के आग्रह पर उन्होंने भारतीय संविधान की मूल प्रति को अपनी चित्रकारी से सजाया सवांरा. बताते चले की [[भारत का संविधान|भारतीय संविधान]] की मूल प्रति को कुल 22 चित्रों से सजाया गया तथा इसे बनाने में चार वर्षों का समय लगा.
 
भारत रत्न और पद्म श्री  (1954) से भी सम्मानित हुए.विश्वभारती विश्वविद्यालय ने उन्हें देशीकोट्टम्मा की उपाधि से नवाज़ा गया सन 1965 में एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल ने उन्हें "टैगोर जन्म सदी पदक" से भी सम्मानित किया गया.
----'''बाहरी कड़ियाँ :'''
 
* [https://www.wahh.in/2018/04/Nandlal-Bose-Biography-Hindi.html नंदलाल बोस का इतिहास]
 
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