"भागीदारी": अवतरणों में अंतर

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इन सभी लाभों के बावजूद साझेदारी फर्म की कुछ सीमाएं भी होती हैं।
 
* '''असीमित देनदारी''' : सभी साझेदार फर्म के ऋणों के भुगतान के लिए संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से भी असीमित स्तर तक उत्तरदायी होते हैं। इसलिए फर्म के ऋणों का भुगतान या तो सभी साझेदार मिलकर कर सकते हैं या पिफरफिर किसी एक साझेदार को अपनी व्यक्तिगत संपत्ति से सारे ऋणों का भुगतान करना पड़ सकता है।
 
* '''अनिश्चित अस्तित्व''' : साझेदारी व्यवसाय का अपने साझेदारों से अलग कोई कानूनी अस्तित्व नहीं होता। किसी भी साझेदार की मृत्यु, दिवालियापन, अक्षमता या उसकी सेवानिवृत्ति से साझेदारी फर्म प्रायः समाप्त हो जाती है। इसके अतिरिक्त कोई भी असंतुष्ट साझेदार जब चाहे साझेदारी भंग करने का नोटिस दे सकता है।