"मराठा": अवतरणों में अंतर

→‎इतिहास: कुछ लष्करी योगदानो को लिखीत किया मराठा लाईट इंन्फन्ट्री तथा मराठो के इतिहास मे शिवाजी महाराज के लिये योगदानो को स्पष्ट रुप से लिखा है
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1 9वीं शताब्दी तक, ब्रिटिश प्रशासनिक रिकॉर्डों में मराठा शब्द की कई व्याख्याएं थीं। 1882 के ठाणे जिला गैजेटियर में, विभिन्न जातियों में कुलीन परतों को निरूपित करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया गया था: उदाहरण के लिए, कृषि जाति में "मराठा-कृषि", कोली जाति के भीतर "मराठा-कोली" और इसी तरह [5] पुणे जिले में , कुणबी और मराठा शब्द मराठा-कुनबी जाति परिसर को जन्म दे, का पर्याय बन गया था। 1882 के पुणे जिला गैजेटियर ने कुनबीस को दो वर्गों में विभाजित किया: मराठों और अन्य कुनबिस 1 9 01 की जनगणना में मराठा-कुनबी जाति परिसर के भीतर तीन समूहों को सूचीबद्ध किया गया था: "मराठों को उचित", "मराठा कुनबिस" और " कोंकणी मराठ"। कुनबी वर्ग में कृषि मजदूर और सैनिक शामिल थे। ऊपरी-वर्ग "मराठों को उचित" (9 6 कबीलों वाले ) ने क्षत्रिय के दर्जा के साथ राजपूत वंश का दावा किया, और शासकों, अधिकारियों और जमींदारों को शामिल किया। राजपूत वंश का दावा करने वाले कुछ मराठा परिवारों में भोंसलेस ( सिसोडियास ), चावन ( चौहान से ), और पवार ( परमार से ) शामिल हैं।
 
महाराष्ट्र मे मराठा ३२% है |
मराठो का लष्करी इतिहास गौरवशाली रहा है ।
मराठो का लष्करी इतिहास गौरवशाली रहा है | शिवाजी महाराज की सेना मे मराठो की संख्या सर्वाधीक थी | मराठो के लष्करी सामर्थ और रणकुशलता जान कर अंग्रेजो ने मराठो की लष्करी जंगी पलटन बनाई , छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना से लेकर मराठा साम्राज्य के समय तक और मराठा लाईट इंन्फंट्री से लेकर आज तक मराठा समाज ने देश के लिये लष्करी सेवा दियी है और कई युद्धो मे अपनी लष्करी कुशलता का लोहा शत्रुओ को मनवाया है | और सेना के कई मेडल और शौर्य पदक उनके नाम है | और आज भी मराठो का भारत के मराठा रेजिमेंट मे मराठोमराठोंं का योगदान लक्षनियस्मरणीय है |
 
== इन्हें भी देखें ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/मराठा" से प्राप्त