"तारा": अवतरणों में अंतर

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== तारों के कांतिमान (Steller Magnitudes) ==
खाली आँखों से देखने पर कुछ तारे अधिक चमकीले तथा कुछ कम चमकीले दिखाई देते हैं। इनकी कांति (luminosity) के यूनाधिक्य के अनुसार हम तारों को कई कांतिमानों में वर्गित कर लेते हैं। तारे हमसे बहुत अधिक दूरी पर स्थित हैं। दूरी के बढ़ने से कम चमकीले तारे हम दिखाई नहीं देते। बिना यंत्र की सहायता के हमारी आँखें छठे कांतिमान तक के तारे देख सकती हैं। कांतिमानों का वर्गीकरण इस प्रकार है किजो तारे सबसे अधिक चमकीले दिखलाई पड़ते हैं, उनका कांतिमान न्यूनतम संख्या माना जाता है, उससे कम चमकीले तारों का उससे अधिक इत्यादि। कांतिमान के तारे की अपेक्षा उसे पूर्ववर्ती कांतिमान तारे की चमक अथवा 2.512५१२ गुना अधिक होती है। इस प्रकार प्रथम कांतिमान का तारा द्वितीय कांतिमान के तारे से 2.512५१२ गुना चमकीला तथा द्वितीय कांतिमान का तारा तृतीय कांतिमान के तारे से 2.512५१२ गुना चमकीला होता है। यदि हम छठे कांतिमान के तारे की चमक 1 मान लें, तो प्रथम कांतिमान से छठे कांतिमान तक के तारों की चमक 100१००:39३९.82८२:15१५.85८५:6:31३१ : 2:51५१ : 1 अनुपात में होगी। इस दृश्य कांतिमान के मापन में सूर्य की कांतिमान - 26२६.72७२, चंद्रमा का - 12१२.5 तथा लुब्धक तारे कर कांतिमान - 1.5 है। माउंट पालोमार वेधशाला के 200२०० इंच व्यास के (वर्तमान काल के विशालतम) परावर्ती (reflector) दूरदर्शी से हम 23२३ कांतिमान तक के तारे देख सकते हैं।
 
=== कांतिमान का मापन ===
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बहुत से तारों का निजी प्रकाश बहुत अधिक है, किंतु अत्याधिक दूरी पर स्थिर होने के कारण उनका दृश्य कांतिमान अधिक दिखलाई पड़ता है। यथार्थ कांतिमान तो तभी ज्ञात हो सकता है, जब वे उपमात्र से समान दूरी पर स्थित हों। समस्त तारों को 10 पारसेक की दूरी पर कल्पित करके ज्ञात किए गए कांतिमान को निरपेक्ष कांतिमान कहते हैं। यदि हमें तारे का दृश्य कांतिमान ज्ञात हो तथा उसकी दूरी ज्ञात हो तो हम निम्नलिखित सूत्र से निरपेक्ष कांतिमान जान सकते हैं:
 
निरपेक्षकांतिमान दृश्यकांतिमान 5 - 5 लघुगणक दूरी, पारसेकों में है। विलोमत: यदि हमें निरपेक्ष कांतिमान ज्ञात हो तो हम तारों की दूरियाँ भी जान सकते हैं। सूर्य का निरपेक्ष कांतिमान 4.7 है।
 
=== सापेक्ष कांति (Relative luminosity) ===
किसी तारे की सूर्य के सापेक्ष कांति को सापेक्ष कांति कहते हैं। इसमें सूर्य की कांति 1 मान ली जाती है। इस प्रकार के अध्ययन से हम तारों से प्राप्त होनेवाली ऊर्जा (energy) का अध्ययन करते हैं, जिससे उनकी भौतिक स्थितियों (physical conditions) के अध्ययन में सहायता मिलती है। न8न
 
== तारों की संख्या ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/तारा" से प्राप्त