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'''कृष्ण''' [[भारत]] में अवतरित हुये भगवान [[विष्णु]] के ८वें अवतार और [[हिन्दू धर्म]] के ईश्वर हैं। कन्हैया, श्याम, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, एक आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्ज महान पुरुष थे। उनका जन्म [[द्वापरयुग]] में हुआ था। उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष युगपुरुष या युगावतार का स्थान दिया गया है। कृष्ण के समकालीन महर्षि [[वेदव्यास]] द्वारा रचित [[भागवत पुराण|श्रीमद्भागवत]] और [[महाभारत]] में कृष्ण का चरित्र विस्तुत रूप से लिखा गया है। [[भगवद्गीता]] कृष्ण और अर्जुन का संवाद है जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इस कृति के लिए कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान भी दिया जाता है। कृष्ण [[वसुदेव]] और [[देवकी]] की ८वीं संतान थे। [[मथुरा]] के कारावास में उनका जन्म हुआ था और [[गोकुल]] में उनका लालन पालन हुआ था। [[यशोदा]] और [[नन्द]] उनके पालक माता पिता थे। उनका बचपन गोकुल में व्यतित हुआ। बाल्य अवस्था में ही उन्होंने बड़े बड़े कार्य किये जो किसी सामान्य मनुष्य के लिए सम्भव नहीं थे। मथुरा में मामा [[कंस]] का वध किया। [[सौराष्ट्र]] में [[द्वारका]] नगरी की स्थापना की और वहाँ अपना राज्य बसाया। [[पाण्डव|पांडवों]] की मदद की और विभिन्न आपत्तियों में उनकी रक्षा की। महाभारत के युद्ध में उन्होंने [[अर्जुन]] के सारथी की भूमिका निभाई और भगवद्गीता का ज्ञान दिया जो उनके जीवन की सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है। १२५ वर्षों के जीवनकाल के बाद उन्होंने अपनी लीला समाप्त की। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद ही [[कलियुग]] का आरंभ माना जाता है।
[[File:A view of the history, literature, and religion of the Hindoos, including a minute description of their manners and customs, and translations from their principal works (1863) (14781550762).jpg|thumb|हिन्दुओं के इतिहास, साहित्य और धर्म का एक दृश्य, जिसमें उनके शिष्टाचार और रीति-रिवाजों का एक मिनट वर्णन और उनके प्रमुख कार्यों (१८६३) (१४७ ९ १५५०७६२) से अनुवाद शामिल हैं]]
[[File:Beauty of lord krishn.jpg|thumb|भगवान कृष्ण की सुंदरता दिखाती एक छवि ]]
 
==नाम और उपशीर्षक==
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वास्तुकला में कृष्ण चिह्नों एवं मूर्तियों के लिए दिशानिर्देशों का वर्णन मध्यकालीन युग में हिन्दू मंदिर कलाओं जैसे वैखानस अगम , विष्णु धर्मोत्तरा , बृहत संहिता और अग्नि पुराण में वर्णित है<ref>{{cite book|author=T. A. Gopinatha Rao|title=Elements of Hindu iconography|url=https://books.google.com/books?id=MJD-KresBwIC&pg=PA200 |year=1993|publisher=Motilal Banarsidass |isbn=978-81-208-0878-2|pages=201–204}}</ref> ।इसी तरह, मध्यकालीन युग के शुरुआती[[ तमिल]] ग्रंथों में कृष्ण और रुक्मिणी की मूर्तियां भी शामिल हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार बनाई गई कई मूर्तियां सरकारी संग्रहालय,[[ चेन्नई]] के संग्रह में हैं।
[[File:Indischer Maler um 1755 002.jpg|thumb|१७५५ ००२ के आसपास, भारतीय चित्रकार द्वारा बनाया गया चित्र ]]
 
==ऐतिहासिक और साहित्यिक स्रोत==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कृष्ण" से प्राप्त