"तारागढ़ दुर्ग": अवतरणों में अंतर

right|thumb|300px|तारागढ़ दुर्ग का दृष्य '''तारागढ का दुर्ग''' राजस्थान में अरावली पर्वत पर स्थित है।<ref>{{cite web|title=अजमेर का अभेद दुर्ग है अनूठा तारागढ़|url=http://ajmernama.com/vishesh/70451/|website=अजमेरनामा|publisher=अजमेरनामा|accessdate=24 अगस्त 2017}}</ref> इसे 'बुंदी का किला' भी कहा जाता है। अजमेर शहर के दक्षिण-पश्चिम में ढाई दिन के झौंपडे के पीछे स्थित यह दुर्ग तारागढ की पहाडी पर 700 फीट की ऊँचाई पर स्थित हैं। इस क़िले का निर्माण 11वीं सदी में...
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right|thumb|300px|तारागढ़ दुर्ग का दृष्य '''तारागढ का दुर्ग''' राजस्थान में अरावली पर्वत पर स्थित है।<ref>{{cite web|title=अजमेर का अभेद दुर्ग है अनूठा तारागढ़|url=http://ajmernama.com/vishesh/70451/|website=अजमेरनामा|publisher=अजमेरनामा|accessdate=24 अगस्त 2017}}</ref> इसे 'बुंदी का किला' भी कहा जाता है। अजमेर शहर के दक्षिण-पश्चिम में ढाई दिन के झौंपडे के पीछे स्थित यह दुर्ग तारागढ की पहाडी पर 700 फीट की ऊँचाई पर स्थित हैं। इस क़िले का निर्माण 11वीं सदी में...
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खंम्भों की छतरी- कोटा जाने वाले मार्ग पर देवपुरा ग्राम के निकट एक विशाल छतरी बनी हुई है। इस छतरी का निर्माण राव राजा अनिरूद्ध सिंह के धाबाई देवा के लिए 1683 में किया। तीन मंजीला छतरी 84 भव्य स्तंभ हैं।
 
राणा[[हम्मीर]]देव चौहान के वंशज'''राणा लक्ष्मणसिंह ''' ये [[राजस्थान]] [[तारागढ़]] के शासक थे।
'''हम्मीरदेव चौहान ''' और '''पृथ्वीराज चौहान '''
 
==सन्दर्भ==