'''सोन नदीनद''' या '''सोनभद्र नदीनद''' [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] राज्य से निकल कर [[उत्तर प्रदेश]], [[झारखंड]] के पहाड़ियों से गुजरते हुए पटना के समीप जाकर [[गंगा]] नदी में मिल जाती है। यह बिहार की एक प्रमुख नदी है। इस नदी का नाम सोन पड़ा क्योंकि इस नदी के बालू (रेत) पीले रंग के हैँ जो सोने कि तरह चमकते हैँ। इस नदी के रेत भवन निर्माण आदी के लिए बहुत उपयोगी हैं यह रेत पूरे बिहार में भवन निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाता है तथा यह रेत [[उत्तर प्रदेश]] के कुछ शहरों में भी निर्यात किया जाता है।