"भारत की संस्कृति": अवतरणों में अंतर

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=== नृत्य ===
{{मुख्य|भारतीय नृत्य}}
{{en:Indian dance}}
 
[[भारतीय नृत्य]] ([[:en:Dance of India|Indian dance]]) में भी ''लोक'' और ''शास्त्रीय'' रूपों में कई विविधताएं है जाने माने [[भारतीय लोक नृत्य|लोक नृत्यों]] ([[:en:Indian folk dance|folk dances]]) में शामिल हैं [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] ([[:en:Punjab region|Punjab]]) का ''[[भाँगङा|भांगड़ा]]'', [[असम]] का ''[[बिहू]] ([[:en:bihu|bihu]])'', [[झारखंड]] और [[उड़ीसा]] का ''[[चाऊ|छाऊ]] ([[:en:Chau|chhau]])'', [[राजस्थान]] का ''[[घूमर]] ([[:en:ghoomar|ghoomar]])'', [[गुजरात]] का ''[[डांडिया]] ([[:en:dandiya|dandiya]])'' और ''[[गबरा|गरबा]] ([[:en:garba|garba]])'', कर्नाटक जा ''[[यक्षगान]] ([[:en:Yakshagana|Yakshagana]])'', [[महाराष्ट्र]] का ''[[लावणी|लावनी]] ([[:en:lavani|lavani]])'' और गोवा का ''[[देख्न्नी|देख्ननी]] ([[:en:Dekhnni|Dekhnni]])''. ''[[संगीत नाटक अकादमी|भारत की संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय अकादमी द्वारा आठ नृत्य रूपों]]'', कई कथा रूपों और [[हिंदु पुराण|पौराणिक]] ([[:en:Hindu mythology|mythological]]) तत्व वाले कई रूपोंको [[भारतीय शास्त्रीय नृत्य|शास्त्रीय नृत्य का दर्जा]] ([[:en:Indian classical dance|classical dance status]]) दिया गया है। ये हैं: [[तमिल नाडु|तमिलनाडु]] का ''[[भरतनाट्यम्|भरतनाट्यम]]'', [[उत्तर प्रदेश]] का ''[[कथक]]'', [[केरल]] का ''[[कथाकली|कथककली]] ([[:en:kathakali|kathakali]])'' और ''[[मोहिनी आटम्|मोहिनीअट्टम]]'', [[आंध्र प्रदेश]] का ''[[कुचिपुड़ी|कुच्चीपुडी]] ([[:en:kuchipudi|kuchipudi]])'', [[मणिपुर]] का ''[[मणिपुरी नृत्य|मणिपुरी]] ([[:en:Manipuri dance|manipuri]])'', [[उड़ीसा]] का ''[[ओडिसी]]'' और [[असम]] का ''[[सत्त्रिया नृत्य|सत्त्रिया]] ([[:en:Sattriya dance|sattriya]])''.<ref>[http://www.britannica.com/eb/article-65370 "दक्षिण एशियाई कला: शास्त्रीय नृत्य के प्रकार और तकनीके "]</ref>
 
संक्षिप्त रूप से कहें तो [[कलारिपपयाट्टू|कलारिप्पयाट्टू]] ([[:en:Kalarippayattu|Kalarippayattu]]) या [[कालरी|कलारी]] ([[:en:Kalari|Kalari]]) को दुनिया का सबसे पुराना [[मार्शल आर्ट्स|मार्शल आर्ट]] ([[:en:martial art|martial art]]) माना जाता है। यह मल्लपुराण जैसे ग्रंथों के रूप में संरक्षित है। कलारी और उसके साथ साथ उसके बीद आये मार्शल आर्ट के कुछ रूपों के बारे में ये भी माना जाता है की बौद्ध धर्म की तरह ये भी [[चीन]] तक पहुँच चूका है और अंततः इसी से कुंग-फु का विकास हुआ। बाद में आने वाली मार्शल आर्ट्स हैं- [[गतका]], [[पहलवानी]] ([[:en:Pehlwani|Pehlwani]]) और [[मल्ल-युद्ध]] ([[:en:Malla-yuddha|Malla-yuddha]]) भारतीय मार्शल आर्ट्स को कई महान लोगों ने अपनाया था जिनमें शामिल हैं [[बोधिधर्म|बोधिधर्मा]] जो भारतीय मार्शल आर्ट्स को [[चीन]] तक ले गए।
 
=== नाटक और रंगमंच ===