"राजनयिक दूत": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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== परिचय ==
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अंतरराष्ट्रीय विधि के अनुसार कोई भी राज्य या देश अन्य राज्यों से दौत्य संबंध स्थापित करने के लिए बाध्य नहीं है, परंतु अंतरराष्ट्रीय जगत् में उत्तरोत्तर बढ़ते हुए पारस्परिक संबंध एवं सापेक्ष्य के कारण प्रत्येक राष्ट्र के लिए अन्य राष्ट्रों से दौत्य संबंध स्थापित करना उपयोगी सिद्ध होता है। दौत्य संबंध स्थापित करने का अधिकार केवल संप्रभु राष्ट्रों को ही है परंतु विशेष परिस्थितियों में यह अधिकार अर्धसंप्रभु और अधीनस्थ राज्यों को भी दिया जा सकता है। पोप और संयुक्त राष्ट्र यद्यपि राज्य की कोटि में नहीं आते तथापि दौत्य संबंध स्थापित करने का उनका अधिकार सर्वस्वीकृत है।
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