"अलबर्ट एक्का": अवतरणों में अंतर

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| unit = [[गार्ड ब्रिगेड|14 गार्ड्स]]
| battles = [[हिली का युद्ध]]<br>[[१९७१ का भारत-पाक युद्ध|भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971]]
| spouse = Balamdineबलमदीन एक्का Ekka
| son = Bhisent Ekka
| awards = [[File:Param-Vir-Chakra-ribbon.svg|32px]] [[परमवीर चक्र]]
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==प्रारम्भिक जीवन==
अलबर्ट एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को [[झारखंड]] के [[गुमला जिला]] के डुमरी ब्लाक के जरी गांव में हुआ था।<ref name="Web 2017">{{cite web | last=Web | first=Real Time | title=हाथ में बम लेकर पाकिस्तान में घुस गया था ये जवान, उड़ा दिए थे 3 बंकर | website=dainikbhaskar | date=३ दिसम्बर २०१७ | url=https://www.bhaskar.com/ranchi/news/c-181-LCL-param-vir-chakra-winner-albert-ekka-story-gumla-NOR.html | language=हिन्दी भाषा | accessdate=४ अप्रैल २०१८}}</ref> उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और, माँ का नाम मरियम एक्का और पत्नी का नाम बलमदीन एक्का था।<ref name="News18 India 2018">{{cite web | title=VIDEO: शहीद अल्बर्ट एक्का की पत्नी को किया गया सम्मानित– News18 Hindi | website=News18 India | date=२६ जनवरी २०१८ | url=http://hindi.news18.com/videos/jharkhand-shaheed-albert-ekkas-wife-balmdin-ekka-is-honored-1248272.html | language=हिन्दी भाषा | accessdate=४ अप्रैल २०१८}}</ref> उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सी. सी. स्कूल पटराटोली से की थी और माध्यमिक परीक्षा भिखमपुर मिडल स्कूल से पास की थी। इनका जन्म स्थल जरी गांव चैनपुर तहसील में पड़ने वाला एक आदिवासी क्षेत्र है जो झारखण्ड राज्य का हिस्सा है। एल्बर्ट की दिली इच्छा फौज में जाने की थी, जो दिसंबर 1962 को पूरी हुई। उन्होंने फौज में बिहार रेजिमेंट से अपना कार्य शुरू किया। बाद में जब 14 गार्ड्स का गठन हुआ, तब एल्बर्ट अपने कुछ साथियों के साथ वहाँ स्थानांतरित कर किए गए। एल्बर्ट एक अच्छे योद्धा तो थे ही, यह हॉकी के भी अच्छे खिलाड़ी थे। इनके अनुशासन का ही प्रभाव था कि ट्रेनिंग के ही दौरान एल्बर्ट एक्का को लांस नायक बना दिया गया था।
 
उन्होंने १९६२ के [[भारत चीन युद्ध]] में अपने शौर्य का प्रदर्शन किया और युद्ध के बाद उन्हें लांस नायक बना दिया गया था। १९७१ के [[भारत पाकिस्तान युद्ध]] में अलबर्ट एक्का वीरता, शौर्य और सैनिक हुनर का प्रदर्शन करते हुए अपने इकाई के सैनिकों की रक्षा की थी। इस अभियान के समय वे काफी घायल हो गये और ३ दिसम्बर १९७१ में इस दुनिया से विदा हो गए। [[भारत सरकार]] ने इनके बलिदान को देखते हुए मरणोपरांत सैनिकों को दिये जाने वाले उच्चतम सम्मान [[परमवीर चक्र]] से सम्मानित किया था।
 
इनका का जन्म [[झारखंड]] के [[गुमला]] जिला के डुमरी ब्लाक के जरी गांव में हुआ था<ref name="Web 2017">{{cite web | last=Web | first=Real Time | title=हाथ में बम लेकर पाकिस्तान में घुस गया था ये जवान, उड़ा दिए थे 3 बंकर | website=dainikbhaskar | date=३ दिसम्बर २०१७ | url=https://www.bhaskar.com/ranchi/news/c-181-LCL-param-vir-chakra-winner-albert-ekka-story-gumla-NOR.html | language=हिन्दी भाषा | accessdate=४ अप्रैल २०१८}}</ref>। उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और माँ का नाम मरियम एक्का पत्नी का नाम बलमदीन एक्का <ref name="News18 India 2018">{{cite web | title=VIDEO: शहीद अल्बर्ट एक्का की पत्नी को किया गया सम्मानित– News18 Hindi | website=News18 India | date=२६ जनवरी २०१८ | url=http://hindi.news18.com/videos/jharkhand-shaheed-albert-ekkas-wife-balmdin-ekka-is-honored-1248272.html | language=हिन्दी भाषा | accessdate=४ अप्रैल २०१८}}</ref> था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सी सी स्कूल पटराटोली से की थी और माध्यमिक परीक्षा भिखमपुर मिडल स्कूल से पास की थी। उन्होंने १९६२ के [[भारत चीन युद्ध]] में अपने शौर्य का प्रदर्शन किया और युद्ध के बाद उन्हें लांस नायक बना दिया गया था। १९७१ के [[भारत पाकिस्तान युद्ध]] में अलबर्ट एक्का वीरता, शौर्य और सैनिक हुनर का प्रदर्शन करते हुए अपने इकाई के सैनिकों की रक्षा की थी। इस अभियान के समय वे काफी घायल हो गये और ३ दिसम्बर १९७१ में इस दुनिया से विदा हो गई। [[भारत सरकार]] ने इनके बलिदान को देखते हुए मरणोपरांत सैनिकों को दिये जाने वाले उच्चतम [[परमवीर चक्र]] से सम्मानित किया गया था।
==सन्दर्भ==
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