"वृक्क अश्मरी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Kidney stones, Uric acid.JPG|right|thumb|200px|विविध प्रकार की पथरियाँ, जिनमें से कुछ कैल्सियम आक्जेलेट से बनी हैं और कुछ यूरिक एसिड की]]
 
'''वृक्ककिडनी अश्मरीस्टोन''' या '''गुर्दे की पथरी''' (वृक्कीय कैल्कली,रीनल कॅल्क्युली, नेफरोलिथियासिस) ([[अंग्रेजी]]:Kidney stones) मूत्रतंत्रगुर्दे कीएवं एकमूत्रनलिका ऐसीकी स्थितिबीमारी है जिसमें, [[वृक्क]] (गुर्दे) के अन्दर छोटे-छोटे पत्थरया सदृशबड़े कठोर वस्तुओंपत्थर का निर्माण होता है। गुर्दें में एक समय में एक या अधिक पथरी हो सकती है। सामान्यत: ये पथरियाँ अगर छोटी हो तो बिना किसी तकलीफ [[मूत्रमार्ग]] से शरीर से बाहर निकाल दी जाती हैं, किन्तु यदि ये पर्याप्त रूप से बड़ी हो जाएं (२-३ मिमी आकार के) तो ये मूत्रवाहिनी में अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं। इस स्थिति में मूत्रांगो एवं कमर और पेट के आसपास असहनीय पीड़ा होती है।है जिसे रीनल कोलिक कहा जाता है ।
 
यह स्थिति आमतौर से 30 से 60 वर्ष के आयु के व्यक्तियों में पाई जाती है और स्त्रियों की अपेक्षा पुरूषों में चार गुना अधिक पाई जाती है। बच्चों और वृद्धों में [[मूत्राशय]] की पथरी ज्यादा बनती है, जबकि वयस्को में अधिकतर गुर्दो और मूत्रवाहक नली में पथरी बन जाती है। आज भारत के प्रत्येक सौ परिवारों में से दस परिवार इस पीड़ादायक स्थिति से पीड़ित है, लेकिन सबसे दु:खद बात यह है कि इनमें से कुछ प्रतिशत रोगी ही इसका इलाज करवाते हैं और लोग इस असहनीय पीड़ा से गुज़रते है।
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== निदान ==
गुर्दे की पथरी के निदान के लिए सबसे पहले संपूर्ण जांच ज़रूरी है।
संपूर्ण चिकित्सा जांच, एक्सरे-सोनोग्राफी, डाई-इंजेक्शन अथवा अल्ट्रासाउंड परीक्षणों से गुर्दे की पथरियों का रोग-निदान किया जाता है।
 
जाँच के कई [[Radiology|रेडियोलोजी]] टेस्ट्स उपलब्ध है। अल्ट्रासाउंड जांच सबसे पहले करते है जो काफी जानकारी प्रदान कराती है।
 
अगर [[पराश्रव्य|अल्ट्रासाउंड]] पर पथरी दिखती है या फिर गुर्दे में सूजन मिलती है तो फिर XRAY या रंगीन XRAY किआ जाता है जिसे IVP बोलते है। रंगीन दवा या कंट्रास्ट देने से पहले किडनी का फंक्शन जांचना जरुरी है।
 
आजकल [[CT स्कैन]] ने अल्ट्रासाउंड और IVP की जगह ले ली है।
 
जांचे पूर्ण होने पर पथरी के कई तरह के इलाज संभव है।[http://drvijayantgovinda.com/kidney-stone-treatment-hindi/]
 
१. PCNL
 
२. ESWL
 
३. URS
 
४. मेडिकल मैनेजमेंट
 
== बचाव के कुछ उपाय ==
 
* पर्याप्त जल पीयें ताकि २ से २.५ लीटर मूत्र रोज बने।
* आहार में प्रोटीन, नाइट्रोजन तथा सोडियम की मात्रा कम हो।
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* 1. [http://drvijayantgovinda.com/kidney-stone-treatment-hindi/ Kidney Stone Treatment in Hind]i
* [http://www.patrika.com/news.aspx?id=192587 बिना चीर-फाड पथरी का ऑपरेशन] (पत्रिका)
* [http://www.kidneypain.org/kidney-stones.php Kidney stone symptoms, medical causes, treatment methods and other general information]