[[शंकर जयकिशन]] हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी है।
शंकर सिंह का जन्म 15 अक्टूबर, 1922 को [[हैदराबाद]] में हुआ. इनके पिता का नाम रामसिंह रघुवंशी था वो रघुवंशी मूलत: [[मध्य प्रदेश]] के रहने वाले थे लेकिन वो परिवार समेत हैदराबाद में बस गए थे. शंकर जी को बचपन से ही [[व्यायाम|कसरत]] करना और कुश्ती लड़ना साथ शरीर को चुस्त दुरुस्त रखना उनका सब से बड़ा शौख था.
'''तवायफ़ के कोठे पर:'''
कहते हैं की शंकर सिंह पर तबले की धुन इस कदर छाई हुयी थी की एक दिन गली से गुज़रते हुए तबले की आवाज़ सुन कर तवायफ़ के कोठे पर पहुँच गये. और उसके बाद वहा के तबला वादक को गलत तरीके से तबले को बजाने पर टोका और कहा सही से नहीं बजा रहे हो ठीक से बजाओ.
यह सुनकर वह का [[तबला]] वादक भड़क गया और बात बढ़ गयी तब लोगो ने कहा तुम्ही सही बजा कर दिखाओ तब शंकर जी ने बड़े ही काबिल अंदाज़ में सफाई से तबले को बजाया जिसे सुनकर वह उपस्थित तमाम लोग वाह वाह करने लगे और तारीफ पे तारीफ करने लगे.
'''बाहरी कड़ियाँ'''
[https://www.wahh.in/2018/04/Music-Director-Shankar-Singh-Biography-In-Hindi.html संगीतकार शंकर सिंह]