"पदार्थ": अवतरणों में अंतर

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पदार्थ तीन अवस्थाओं- [[ठोस]], [[द्रव]] और [[गैस]] में पाये जाते हैं। ताप और दाब की दी गई निश्चित परिस्थितियों में, कोइ पदार्थ किस अवस्था में रहेगा यह पदार्थ के कणों के मध्य के दो विरोधी कारकों [[अंतराआण्विक बल]] और [[उष्मीय ऊर्जा]] के सम्मिलित प्रभाव पर निर्भर करता है।
अंतराआण्विक बलों की प्रवृत्ति अणओंअणुओं (अथवा परमाणुओं अथवा आयनों) को समीप रखने की होती है, जबकि उष्मीय ऊर्जा की प्रवृत्ति उन कणों को तीव्रगामी बनाकर पृथक रखने की होती
है।<ref name="ReferenceA">रसायनशास्त्र, भाग-१, (कक्षा १२), एनसीईआरटी, नई दिल्ली, पृष्ठ-२</ref>