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'''स्थायी परिसम्पत्तियाँ''' (Fixed Assets) : स्थायी परिसम्पत्तियों से आशय उन परिसम्पत्तियों से है जो व्यवसाय में दीर्घकाल तक रखी जाने वाली होती हैं और जो पुनः विक्रय के लिए नहीं हैं। जैसे - भूमि, भवन, मशीन, उपस्कर आदि।
'''चालू परिसम्पत्तियाँ''' (Current Assets) : चालू परिसम्पत्ति से आशय उन सम्पत्तियों से है जो व्यवसाय में पुनः विक्रय के लिए या अल्पावधि में [[रोकड़]] में परिवर्तित करने के लिए रखी जाती हैं। इसलिए इन्हें चालू सम्पत्तियाँ, चक्रीय सम्पत्तियाँ और परिवर्तनशील सम्पत्तियाँ भी कहा जाता है। उदाहरण : देयता, पूर्वदत्त व्यय, स्टॉक, प्राप्य बिल, आदि।
'''अमूर्त परिसम्पत्तियाँ''' (Intangible Assets) : अमूर्त परिसम्पत्ति वे सम्पत्तियाँ हैं जिनका भौतिक अस्तित्व नहीं होता है, किन्तु उनका मौद्रिक मूल्य होता है। जैसे - ख्याति, ट्रेडमार्क, पेटेण्ट्स, इत्यादि।
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