"बिंदेश्वरी दुबे": अवतरणों में अंतर

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=== बिहार प्रदेश कांग्रेस कमीटी ===
 
१९७७ के चुनाव में पराजय के बाद कांग्रेस की स्थिति बहुत खराब थी। उसी दौरान दूबे ने इंदिरा गांधी को बिहार के बोकारो (अभी झारखंड) में १९७९ में बुलाकर उनका भव्य स्वागत करवाया। फिर १९८० और १९८४ में गिरीडीह और धनबाद में बुलाकर ऐतिहासिक भीड़ करवाई। इससे प्रसन्न होकर एवं तत्कालीन् मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के झगड़े के बीच कड़ी के रूप में बनाकर २५ सितम्बर १९८४ को इंदिरा गांधी ने राम शरण सिंह को हटाकर बिन्देश्वरी दूबे को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमीटी का अध्यक्ष बनाया था। <ref>http://m.indiatoday.in/story/indira-gandhi-personally-constitutes-super-cabinet-in-bihar-to-refurbish-congressi-image/1/361012.html</ref> इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दूबे के कुशल नेतृत्व में कांग्रेस बिहार के १९८४ के लोकसभा चुनाव में ५४ में से ४८ सीट जीती, जो किसी भी पार्टी के लिए अभी तक का रेकॉर्ड है। लोकसभा चुनाव के बाद राजीव गांधी भारत के प्रधान मंत्री बने थे। उनके नेतृत्व में ही १९८५ में हुए बिहार विधान सभा के चुनाव में कांग्रेस ३२४ में से १९६ सीटें जीती। इस चुनाव में दूबे के प्रयास से बड़े-बड़े भ्रष्ट, अपराधी एवं माफ़िया नेताओं का टिकट कट गया था एवं कई सारे नए युवा नेताओं को टिकट मिला था।<ref>https://en.m.wikipedia.org/wiki/Elections_in_Bihar</ref> विधान सभा के चुनाव के बाद दूबे बिहार कांग्रेस विधान मंडल के नेता<ref>https://en.m.wikipedia.org/wiki/Bihar_Pradesh_Congress_Committee</ref> एवं तत्पश्चात् बिहार के मुख्य मंत्री बने और उन्होंने बिहार कांग्रेस के पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उनके बाद स्वर्गीय डुमर लाल बैठा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। <ref>https://en.m.wikipedia.org/wiki/Bihar_Pradesh_Congress_Committee</ref>
 
==== 'सुपर चीफ़ मिनिस्टर' ====