"बिंदेश्वरी दुबे": अवतरणों में अंतर

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=== मुख्य मंत्री ===
 
पं• बिन्देश्वरी दूबे १२ मार्च १९८५ से १३ फ़रवरी १९८८ तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे।<ref name=http://cm.bih.nic.in/formercm-bihar.htm/> जिस समय उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री का कार्यभार अंगीकृत किया था, उस समय बिहार देश के सर्वाधिक पिछड़े राज्यों में एक था। किन्तु, अपनी कुशाग्र बुद्धि और सुदक्ष प्रशासन-कौशल से उन्होंने बिहार को प्रगति के मार्ग पर ला खड़ा किया। राज्य के विकास के लिए उनके समर्थ मार्गदर्शन में अनेक योजनाएँ बनाई गईं तथा उन्हें सम्यकरीत्या कार्यान्वित भी किया गया। मुख्य मंत्री बनते ही सबसे पहले उन्होंने अपराध एवं भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए कई सारे कदम उठाए। बिन्देश्वरी दूबे का नाम कृष्ण सिंह एवं नितीश कुमार के साथ बिहार के 'टॉप ३' मुख्य मंत्रियों में लिया जाता है।<ref>http://m.economictimes.com/PDAET/articleshow/msid-6984428,curpg-2.cms</ref> उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि ऐसा बिरले ही किसी के साथ हुआ होगा कि केन्द्रीय नेतृत्व उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाए और सूबे के विपक्षी दल के नेता कहे कि वे बिहार में ही मुख्य मंत्री बने रहें। पर बिन्देश्वरी दूबे के साथ ऐसा ही हुआ। जब तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने उन्हें केन्द्र में मंत्री बनाया तो विपक्षी दल के नेता कर्पूरी ठाकुर चाहते थे कि दूबे मख्य मंत्री बने रहें। कर्पूरी राजीव से अनुरोध करने दिल्ली तक पहुँच गए थे।<ref>https://m.facebook.com/PtBindeshwariDubey/photos/a.479569565516177.1073741825.146725348800602/512078772265256/?type=3&source=48</ref> पाटलिपुत्र-पटना
 
==== भ्रष्टाचार के विरुद्ध कदम ====