"बिंदेश्वरी दुबे": अवतरणों में अंतर
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==== 'ऑपरेशन ब्लैक पैन्थर-२' ====
'ऑपरेशन ब्लैक पैन्थर' के बाद अप्रैल १९८५ में ही दूबे सरकार ने रोहतास जिले के कैमूर एवं उससे सटे हुए भोजपुर जिला क्षेत्रों के अपराधियों एवं डकैतों को खत्म करने के लिए 'ऑपरेशन ब्लैक पैन्थर-२' लॉन्च किया था। परिणामस्वरूप खूंखार डकैत एवं कैमूर का बेताज बादशाह मोहन बिंद मारा गया। इस ऑपरेशन के बाद तीन और छोटे-छोटे ऑपरेशन हुए। इनमें छह एनकाउंटर में २० डकैत मारे गए थे।<ref name=":0">https://www.indiatoday.in/magazine/indiascope/story/19860315-183-people-brutally-murdered-in-kaimur-plateau-in-bihar-in-last-12-months-800674-1986-03-15</ref>
==== 'ऑपरेशन कैमूर' ====
'ऑपरेशन ब्लैक पैंथर-२' के बाद सिर्फ़ कैमूर के डकैतों को मारने के लिए दूबे सरकार ने 'ऑपरेशन कैमूर' लॉन्च किया था। इन ऑपरेशनों के तहत पूरे जिले में ८९२ अपराधियों को पकड़ा गया। इनकी दो लाख से ऊपर की कीमत की संपत्ति जब्त हुई। अनेकों हथियार जब्त किए गए जिसमें १८ राईफ़ल, २५ बंदूकें, ६५ देसी बंदूकें, ६० देसी कट्टे इत्यादि पकड़े गए। पर सरकार संतुष्ट नहीं हुई। एस•पी अरुण चौधरी का तबादला कर दिया गया।<ref
==== 'ऑपरेशन टास्क फ़ोर्स' ====
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