"बिंदेश्वरी दुबे": अवतरणों में अंतर

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चंपारण के डकैतों एवं अपहरणकर्ताओं से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने सत्ता में आने के तुरंत बाद 'ऑपरेशन ब्लैक पैन्थर' लॉंच किया। भारत एवं नेपाल सीमा पर ४० 'आउटपोस्ट' बने ताकि डाकू इधर से उधर ना भाग पाए या उधर से इधर ना घुस पाए। इस ऑपरेशन के तहत कई सारे डाकू पकड़े गए थे। 
<ref>http://parliamentofindia.nic.in/lsdeb/ls10/ses6/03220293.htm</ref><ref name=":1">https://www.indiatoday.in/magazine/special-report/story/19860115-violence-rocks-south-central-bihar-as-landlords-rage-war-against-retaliating-serfs-800469-1986-01-15</ref>
 
==== 'ऑपरेशन ब्लैक पैन्थर-२' ====
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==== 'ऑपरेशन टास्क फ़ोर्स' ====
 
'ऑपरेशन ब्लैक पैन्थर' के तुरंत बाद दूबे सरकार ने दक्षिण-मध्य बिहार के पटना-नालन्दा-गया-जहानाबाद-औरंगाबाद-नवादा-भोजपुर क्षेत्रों में और खासकर मसौढ़ी, जहानाबाद और हिलसा और इन क्षेत्रों के निकटवर्ती गाँवों में चल रही जातिय हिंसा पर काबू पाने के लिए 'ऑपरेशन टास्क फ़ोर्स' लॉन्च किया था। उस वक्त माहौल इतना बिगड़ा हुआ था कि अलग-अलग जाति के लोगों ने अपनी-अपनी जातियों की हथियारबंद सेनाएँ बनाई हुई थीं। हरिजनों की 'एम•सी•सी•' और 'सी•पी•आई•(माले)। सी•पी•आई•(माले)' की कई सारी सेनाएँ थीं जैसे कि 'बिहार प्रदेश किसान सभा', 'मजदूर किसान संघर्ष समिति', 'इंडियन पीपल्स फ़्रंट' इत्यादि कई सेनाएँ थीं। इसके अलावा यादवों की 'लौरिक सेना' एवं 'श्रीकृष्ण सेना', भुमिहारों की 'ब्रम्हर्षि सेना', राजपूतों की 'कुँवर सेना', 'समाजवादी क्रांतिकारी सेना' एवं 'शोषित समाजवादी सेना' और ब्राम्हणों की 'आज़ाद सेना' एवं 'गंगा सेना', किसानों की'भूमि सेना' बनी हुई थी। खून की होली चरम पर थी। इस ऑपरेशन के तहत मध्य बिहार में हज़ारों लोगों की गिरफ्तारियाँ हुई थी, कई नक्सली पुलिस एनकाउंटर में मारे गए थे और अनेकों हथियार बरामद हुए थे। पर मुख्यमंत्री दुबे ने महसूस किया कि यह समस्या कानून और व्यवस्था से परे है। उनके अनुसार, इसकी जड़ें इस क्षेत्र की लगातार खराब हो रही सामाजिक-आर्थिक स्थिति से जुड़ी हैं। और चीज़ों में तब तक बदलाव नहीं आएगा जब तक वहाँ की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं होगा। ऐसा सोच कर दूबे ने इस क्षेत्र के लिए 5 करोड़ रुपये की विकास योजना सैंकशन किया और भूमि सुधार उपायों में तेजी लाई।<ref>https name=":1" //www.indiatoday.in/magazine/special-report/story/19860115-violence-rocks-south-central-bihar-as-landlords-rage-war-against-retaliating-serfs-800469-1986-01-15</ref>
 
==== 'ऑपरेशन सिद्धार्थ' ====