"सूर्य नारायण व्यास": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 25:
===साहित्य सेवा===
पण्डित व्यास [[हिन्दी]] के अतिरिक्त [[गुजराती]], [[मराठी]], [[बंगला]], [[संस्कृत]] के भी मर्मज्ञ थे। वे एक श्रेष्ट व्यंग्यकार, कवि, निबन्धकार, इतिहासकार थे। अकेले विक्रम मासिक में ‘व्यास उवाच’ एवं ‘बिन्दु-बिन्दु’ विचार शीर्षक से लिखे उनके संपादकीय की संख्या 2500 से ऊपर है।
१९३७ में वे सारा योरोप घूमे और यात्रा साहित्य पर उनकी कृति ‘सागर प्रवास’ मील का पत्थर मानी जाती है।
पं. सूर्यनारायण व्यास अठारह बरस या उससे भी कम आयु में रचना करने लगे थे। [[सिद्धनाथ माधव आगरकर]] का साहचर्य उन्हें किशोरावस्था में ही मिल गया था, लोकमान्य तिलक की जीवनी का [[अनुवाद]] उन्होंने आगरकरजी के साथ किया। सिद्धनाथ माधव आगरकर का पण्डितजी को अन्तरंग साहचर्य मिला और शायद इसी वजह से वे [[पत्रकारिता]] की ओर प्रवृत्त हुए।
|