"भाष्य": अवतरणों में अंतर
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[[संस्कृत साहित्य]] की परम्परा में उन ग्रन्थों को '''भाष्य''' (शाब्दिक अर्थ - व्याख्या के योग्य), कहते हैं जो दूसरे ग्रन्थों के अर्थ की वृहद व्याख्या या टीका प्रस्तुत करते हैं। मुख्य रूप से [[सूत्र]] ग्रन्थों पर भाष्य लिखे गये हैं।
:'''सूत्रार्थो वर्ण्यते यत्र,
:'''स्वपदानि च वर्ण्यन्ते, भाष्यं भाष्यविदो
भाष्य, मोक्ष की प्राप्ति हेतु '''अविद्या''' (ignorance) का नाश करने के साधन के रूप में जाने जाते हैं। [[पाणिनि]] के [[अष्टाध्यायी]] पर [[पतंजलि]] का [[महाभाष्य|व्याकरणमहाभाष्य]] और [[ब्रह्मसूत्र|ब्रह्मसूत्रों]] पर [[शांकरभाष्य]] आदि कुछ प्रसिद्ध भाष्य हैं।
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: ''पदच्छेदः पदार्थोक्तिर् विग्रहो वाक्ययोजना।
: ''आक्षेपेषु समाधानं व्याख्यानं
== प्रकार ==
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== प्रमुख भाष्यों की सूची ==
* '''[[वेद|वेदों]] के भाष्य ''': [[सायण]], [[मैक्समूलर]], [[स्वामी दयानन्द सरस्वती]], [[महर्षि अरविन्द|महर्षि अरबिन्दो]]
* [[निघण्टु]] के भाष्य : [[यास्क]] द्वारा▼
* [[पाणिनि]] के [[अष्टाध्यायी]] का भाष्य : [[पतंजलि]] का [[महाभाष्य|व्याकरणमहाभाष्य]]▼
* [[ब्रह्मसूत्र]] के भाष्य : [[आदि शंकराचार्य]] का भाष्य; [[रामानुज]] का ब्रह्मसूत्र भाष्य; उद्योतकर की न्यायभाष्य पर टीका - [[न्यायवार्तिक]]; न्यायवार्तिक पर [[वाचस्पति मिश्र]] की टीका - [[न्यायवार्तिकतात्पर्यटीका]]▼
* [[उपनिषद|उपनिषदों]] के भाष्य : शंकराचार्य ने ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्डक, माण्डूक्य, तैत्तिरीय, ऐतरेय, छान्दोग्य, बृहद् आरण्यक और श्वेताश्वतर- इन ग्यारह उपनिषदों का भाष्य किया है▼
▲* '''[[निघण्टु]] के भाष्य''' : [[यास्क]] द्वारा
▲* '''[[पाणिनि]] के [[अष्टाध्यायी]] का भाष्य''' : [[पतंजलि]] का [[महाभाष्य|व्याकरणमहाभाष्य]]
▲* '''[[ब्रह्मसूत्र]] के भाष्य''' : [[आदि शंकराचार्य]] का भाष्य; [[रामानुज]] का ब्रह्मसूत्र भाष्य; उद्योतकर की न्यायभाष्य पर टीका - [[न्यायवार्तिक]]; न्यायवार्तिक पर [[वाचस्पति मिश्र]] की टीका - [[न्यायवार्तिकतात्पर्यटीका]]
▲* '''[[उपनिषद|उपनिषदों]] के भाष्य''' : शंकराचार्य ने ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्डक, माण्डूक्य, तैत्तिरीय, ऐतरेय, छान्दोग्य, बृहद् आरण्यक और श्वेताश्वतर- इन ग्यारह उपनिषदों का भाष्य किया है
[[वाचस्पति मिश्र]] ने [[वैशेषिक दर्शन]] को छोड़कर बाकी पाँचो दर्शनों पर भाष्य लिखा है।
* '''[[योगसूत्र]] के भाष्य''' : [[व्यास भाष्य]], वाचस्पति मिश्र कृत [[तत्ववैशारदी]], [[योगवार्तिक]], [[भोजवृत्ति]]
* '''[[न्यायदर्शन]] के भाष्य''' : [[वात्स्यायन]]कृत [[न्यायभाष्य]]; वाचस्पति मिश्र का [[न्यायसूत्री]]
* '''[[मीमांसा]] के भाष्य''' : [[शाबरभाष्य]]; शाबर भाष्य पर [[कुमारिल भट्ट]] की तीन वृत्तिग्रंथ हैं - [[श्लोकवार्तिक]], [[तंत्रवार्तिक]] तथा [[टुप्टीका]]; वाचस्पति मिश्र कृत [[न्यायकणिका]] तथा [[तत्त्वविन्दु]] * '''[[वेदान्त]] के भाष्य''' : [[आदि शंकराचार्य]] का भाष्य ; वाचस्पति मिश्र का शंकरभाष्य पर टीका - [[भामती]] ; [[मंडन मिश्र]] के [[ब्रह्मसिद्धि]] पर वाचस्पति मिश्र की व्याख्या - [[ब्रह्मतत्त्वसमीक्षा]]
* [[सांख्य]]दर्शन के भाष्य : [[वाचस्पति मिश्र]] कृत [[सांख्यतत्त्वकौमुदी]]▼
* '''[[
▲* '''[[सांख्य]]दर्शन के भाष्य''' : [[वाचस्पति मिश्र]] कृत [[सांख्यतत्त्वकौमुदी]]
* '''[[गीता]] के भाष्य''' : आदि शंकराचार्य का भाष्य
== इन्हें भी देखें ==
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[[श्रेणी:संस्कृत]]
[[श्रेणी:साहित्य]]
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