"गयासुद्दीन तुग़लक़": अवतरणों में अंतर

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== राजस्व सुधार ==
अपनी सत्ता स्थापित करने के बाद ग़यासुद्दीन तुग़लक़ ने अमीरों तथा जनता को प्रोत्साहित किया। शुद्ध रूप से [[तुर्की]] मूल का होने के कारण इस कार्य में उसे कोई विशेष कठिनाई नहीं हुई। ग़यासुद्दीन ने कृषि को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों के हितों की ओर ध्यान दिया। उसने एक वर्ष में इक्ता के राजस्व में 1/10 से 1/11 भाग से अधिक की वृद्धि नहीं करने का आदेश दिया।<ref name=":2">{{cite book|first1=आशिर्बादी लाल|last1=श्रीवास्तव|title=The Sultanate of Delhi (711- 1526 A.D.)|trans_title=दिल्ली सल्तनत (७११-१५२६)|date=१९५०|publisher=अगरवाल ऐन्ड कम्पनी, आगरा|location=भारत|page=१८२-२२८|accessdate=१२ जुलाई २०१५|language=अङ्रेज़ी}}</ref> उसने सिंचाई के लिए नहरें खुदवायीं तथा बाग़ बनवायें।
 
== सार्वजनिक सुधार ==
जनता की सुविधा के लिए अपने शासन काल में ग़यासुद्दीन ने क़िलों, पुलों और नहरों का निर्माण कराया। सल्तनत काल में डाक व्यवस्था को सुदृढ़ करने का श्रेय ग़यासुद्दीन तुग़लक़ को ही जाता है।<ref name=":2" /> ‘बरनी’ ने डाक-व्यवस्था का विस्तृत वर्णन किया है। शारीरिक यातना द्वारा राजकीय ऋण वसूली को उसने प्रतिबंधित किया।
 
== धार्मिक कार्य ==