"गयासुद्दीन तुग़लक़": अवतरणों में अंतर

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== शासन ==
 
उसने [[तुगलक वंश|तुगलक राजवंश]] की स्थापना की और 1320 से 1325 तक दिल्ली की [[सल्तनत]] पर शासन किया। मंगोलो के विरुद्ध गयासुद्दीन की नीति कठोर थी। उन्होंने इल्खान ओल्जेतु के दूतो को मार डाला और मंगोल कैदियों को कठोर रूप से दंडित किया।
[[चित्र:Ghiyasuddin tughlaq.jpg|अंगूठाकार|गयासुद्दीन के काल का चान्दी का टका]]
 
उसने अमरोहा की लड़ाई (1305ई) में मंगोलों को पराजित किया। जब गयासुद्दीन् मुल्तान से दिल्ली चला गया, तो सूमरो कबीले के लोगो ने विद्रोह कर दिया और थट्टा पर कब्ज़ा कर लिया। तुगलक ने ताजुद्दीन मलिक को [[मुल्तान]] का, ख्वाज़ा खातिर को [[भक्कर]] का गवर्नर नियुक्त किया। उसने सेहावा का कार्यभार मलिक अली शेर के हाथो मे सौप दिया। 1323 में, गयासुद्दीन ने अपने बेटे उलुग खान (बाद में [[मुहम्मद बिन तुगलक]]) को काकातिया राजधानी [[वारंगल]] के अभियान पर भेजा। वारंगल के आने वाले घेराबंदी के परिणामस्वरूप वारंगल, और काकातिया वंश का अंत हुआ।<ref name=":1" />
 
[[चित्र:Citadels of Tughlaqabad fort 315.jpg|अंगूठाकार|तुगलक़ाबाद का क़िला]]
1323 में उन्होंने अपने बेटे मुहम्मद शाह को उनके उत्तराधिकारी और उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया और राज्य के मंत्रियों और रईसों से व्यवस्था के लिए एक लिखित वादा या समझौता किया। उसने [[तुगलकाबाद]] किले का निर्माण भी शुरू किया।
 
== विजय अभियान ==