"देवनागरी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Rigveda MS2097.jpg|right|thumb|300px|'''देवनागरी''' में लिखी [[ऋग्वेद]] की [[पाण्डुलिपि]]]]
 
'''देवनागरी''' एक [[लिपि]] है देवनागरी मेंजिसमें अनेक [[भारत|भारतीय]] [[भाषा|भाषाएँ]] तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। देवनागरी बायें से दायें लिखी जाती है, देवनागरी कीइसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। [[संस्कृत]], [[पालि]], [[हिन्दी]], [[मराठी]], [[कोंकणी]], [[सिन्धी]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[डोगरी]], [[नेपाली]], [[नेपाल भाषा]] (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), [[तामाङ भाषा]], [[गढ़वाली]], [[बोड़ो भाषा|बोडो]], [[अंगिका]], [[मगही]], [[भोजपुरी]], [[मैथिली]], [[संथाली]] आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में [[गुजराती]], [[पंजाबी]], [[बिष्णुपुरिया मणिपुरी]], [[रोमानी]] और [[उर्दू]] भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सबसे प्रयुक्त लिपियों में से एक है।
[[चित्र:MarathiShilalekhYear1109Found AtParalMaharashtraIndia.jpg|thumb| मुम्बई के परल नामक उपनगर मे प्राप्त प्राचीन देवनागरी शिलालेख यह इ.स 1109बनाया११०९ बनाया गया था|]]
[[चित्र:Devnagari used in Melbourne Australia.jpg|thumb| [[मेलबर्न]] [[ऑस्ट्रेलिया]] की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि]]
 
==परिचय==
अधिकतर भाषाओं की तरह देवनागरी भी बायें से दायें लिखी जाती है। प्रत्येक [[शब्द]] के ऊपर एक [[रेखा]] खिंची होती है (कुछ [[वण|वर्णों]] के ऊपर रेखा नहीं होती है) इसे शिरोरे़खा कहते हैं। देवनागरी काइसका विकास [[ब्राह्मी लिपि]] से हुआ है। देवनागरीयह एक [[ध्वन्यात्मक]] [[लिपि]] है देवनागरीजो प्रचलित लिपियों (रोमन, अरबी, चीनी आदि) में सबसे अधिक वैज्ञानिक है। देवनागरी सेइससे [[वैज्ञानिक]] और व्यापक लिपि शायद केवल [[आइपीए|अध्वव]] लिपि है। भारत की कई लिपियाँ देवनागरी से बहुत अधिक मिलती-जुलती हैं, जैसे- [[बांग्ला]], गुजराती, [[गुरुमुखी]] आदि। कम्प्यूटर प्रोग्रामों की सहायता से भारतीय लिपियों को परस्पर परिवर्तन बहुत आसान हो गया है।
[[चित्र:Varanasi Transparente.png|right|thumb|300px|वाराणसी में देवनागरी लिपि में लिखे विज्ञापन]]
{{ब्राह्मी}}
भारतीय भाषाओं के किसी भी शब्द या ध्वनि को देवनागरी लिपि में ज्यों का त्यों लिखा जा सकता है और फिर लिखे पाठ को लगभग 'हू-ब-हू' [[उच्चार]]ण किया जा सकता है, जो कि [[रोमन लिपि]] और अन्य कई [[लिपि]]यों में सम्भव नहीं है, जब तक कि उनका विशेष मानकीकरण न किया जाये, जैसे [[आइट्रांस]] या [[आइएएसटी]]।
[[चित्र:PublicTransportinMumbaiTicketUsingDevnagari.jpg|thumb|मुम्बई के सार्वजनिक यातायात के टिकट पर देवनागरी]]
देवनागरीइसमें मेंकुल कुल52अक्षर५२ अक्षर हैं, जिसमें 14१४ [[स्वर]] और 38३८ [[व्यंजन वर्ण|व्यंजन]] हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था (विन्यास) भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, [[अल्पप्राण]]-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं। एक मत के अनुसार देवनगर (काशी) मे प्रचलन के कारण देवनागरी काइसका नाम देवनागरी पड़ा।
 
भारत तथा [[एशिया]] की अनेक लिपियों के संकेत देवनागरी से अलग हैं पर [[उच्चारण]] व वर्ण-क्रम आदि देवनागरी के ही समान हैं, क्योंकि उच्चारण व वर्णक्रमवे सभी [[ब्राह्मी लिपि]] से उत्पन्न हुई हैं (उर्दू को छोडकर)। इसलिए उच्चारण व वर्णक्रमइन लिपियों को परस्पर आसानी से [[लिप्यन्तरण|लिप्यन्तरित]] किया जा सकता है। देवनागरी लेखन की दृष्टि से सरल, सौन्दर्य की दृष्टि से सुन्दर और वाचन की दृष्टि से सुपाठ्य है।
 
[[भारतीय अंक|भारतीय अंकों]] को उनकी वैज्ञानिकता के कारण विश्व ने सहर्ष स्वीकार कर लिया है।
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==देवनागरी' शब्द की व्युत्पत्ति==
 
'''देवनागरी''' या '''नागरी''' नाम का प्रयोग "क्यों" प्रारम्भ हुआ और देवनागरी काइसका व्युत्पत्तिपरक प्रवृत्तिनिमित्त क्या था- यह अब तक पूर्णतः निश्चित नहीं है।
 
'''(क)''' 'नागर' [[अपभ्रंश]] या [[गुजराती]] "नागर" ब्राह्मणों से देवनागरी काउसका संबंध बताया गया है। पर दृढ़ प्रमाण के अभाव में यह मत संदिग्ध है।
 
'''(ख)''' दक्षिण में देवनागरी काइसका प्राचीन नाम "नंदिनागरी" था। हो सकता है "नंदिनागर" कोई स्थानसूचक हो और देवनागरीइस लिपि का देवनागरी सेउससे कुछ संबंध रहा हो।
 
'''(ग)''' यह भी हो सकता है कि "नागर" जन इसमें लिखा करते थे, अत: "नागरी" अभिधान पड़ा और जब [[संस्कृत]] के ग्रंथ भी इसमें लिखे जाने लगे तब "देवनागरी" भी कहा गया।