"प्लेटो": अवतरणों में अंतर

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प्लेटो की प्रमुख कृतियों में उसके संवाद का नाम विशेष उल्लेखनीय है। प्लेटो ने 35 संवादों की रचना की है। उसके संवादों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-
 
*सुकरात कालीन'''सुकरातकालीन संवाद''' - इसमें सुकरात की मृत्यु से लेकर मेगारा पहुंचने तक की रचनाएं हैं। इनमें प्रमुख हैं- हिप्पीयस माइनर, ऐपोलॉजी, क्रीटो, प्रोटागोरस आदि।
*'''यात्रीकालीन संवाद''' - इन संवादों पर सुकरात के साथ-साथ 'इलियाई मत' का भी कुछ प्रभाव है। इस काल के संवाद हैं- क्लाइसिस, क्रेटिलस, जॉजियस इत्यादि।
*'''प्रौढ़कालीन संवाद''' - इस काल के संवादों में विज्ञानवाद की स्थापना मुख्य विषय है। इस काल के संवाद हैं- सिम्पेासियान, फिलेबु्रस, ट्रिमेर्यास, [[रिपब्लिक (प्लेटो)|रिपब्लिक]] और फीडो आदि।[1]
 
प्‍लेटो की रचनाओं में 'द रिपब्लिक', 'द स्टैट्समैन', 'द लाग', 'इयोन', 'सिम्पोजियम' आदि प्रमुख हैं।
काव्य के महत्त्व की स्वीकार्यता
 
==काव्य के महत्त्व की स्वीकार्यता==
प्लेटो काव्य के महत्व को उसी सीमा तक स्वीकार करता है, जहां तक वह गणराज्य के नागरिकों में सत्य, सदाचार की भावना को प्रतिष्ठित करने में सहायक हो। प्लेटो के अनुसार "मानव के व्यक्तित्व के तीन आंतरिक तत्त्व होते हैं-