"ऋग्वेद": अवतरणों में अंतर

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{{सन्दूक ऋग्वेद}}
'''ऋग्वेद''' [[सनातन धर्म]] का सबसे आरंभिक स्रोत हैहै। ऋग्वेदइसमें में1028सूक्त१०२८ सूक्त हैं, ऋग्वेद मेंजिनमें [[देवता|देवताओं]] की [[स्तुति]] की गयी है ऋग्में इसमें देवताओं का यज्ञ में आह्वान करने के लिये मन्त्र हैं, ऋग्वेदयही सर्वप्रथम वेद है। ऋग्वेद को इतिहासकार [[हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार]] की अभी तक उपलब्ध पहली रचनाऔं में एक मानते हैं। ऋग्वेदयह संसार के उन सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक है ऋग्वेद कीजिसकी किसी रूप में मान्यता आज तक समाज में बनी हुई हैहै। ऋग्वेदयह एक प्रमुख हिन्दू धर्म ग्रंथ है।
[[ऋक् संहिता]] में10मंडलमें १० मंडल, बालखिल्य सहित1028सूक्तसहित १०२८ सूक्त हैं। वेद मंत्रों के समूह को सूक्त कहा जाता है, सूक्त मेंजिसमें एकदैवत्व तथा एकार्थ का ही प्रतिपादन रहता है। ऋग्वेद में ही मृत्युनिवारक त्र्यम्बक-मंत्र या [[मृत्युंजय मन्त्र]] (२7/59५९/12१२) वर्णित है, ऋग्विधान के अनुसार मृत्युंजयइस मंत्र के जप के साथ विधिवत व्रत तथा हवन करने से दीर्घ आयु प्राप्त होती है तथा मृत्यु दूर हो कर सब प्रकार का सुख प्राप्त होता है। विश्व-विख्यात [[गायत्री मन्त्र]] (ऋ०3ऋ० ३/62६२/103१०) भी इसी में वर्णित है। ऋग्वेद में अनेक प्रकार के लोकोपयोगी-सूक्त, तत्त्वज्ञान-सूक्त, संस्कार-सुक्त उदाहरणतः रोग निवारक-सूक्त (ऋ०10ऋ०१०/137१३७/1-7), [[श्री सूक्त]] या लक्ष्मी सूक्त (ऋग्वेद के परिशिष्ट सूक्त के खिलसूक्त में), तत्त्वज्ञान के [[नासदीय-सूक्त]] (ऋ०10ऋ० १०/129१२९/1-7) तथा [[हिरण्यगर्भ सूक्त]] (ऋ०10ऋ०१०/121१२१/1-10१०) और [[विवाह]] आदि के सूक्त (ऋ०10ऋ० १०/85८५/1-47४७) वर्णित हैं, सूक्तों मेंजिनमें ज्ञान विज्ञान का चरमोत्कर्ष दिखलाई देता है।
 
ऋग्वेद के विषय में कुछ प्रमुख बातें निम्नलिखित है-
* ॠग्वेद के कई सूक्तों में विभिन्न वैदिक [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले मंत्र हैं। यद्यपि ॠग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु ऋग्वेद में देवताओं की स्तुति करने वाले स्तोत्रों की प्रधानता है।
* ॠग्वेद में कुल10मण्डलकुल दस मण्डल हैं और उनमें1028सूक्तउनमें १०२८ सूक्त हैं ऋग्वेदऔर मेंकुल कुल10580ॠचाएँ१०,५८० हैं10मण्डलोंॠचाएँ हैं। इन मण्डलों में कुछ मण्डल छोटे हैं और कुछ बड़े हैं।
 
ऋग्वेदइस ग्रंथ को इतिहास की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण रचना माना गया है। ऋग्वेद केइसके श्लोकों का ईरानी [[अवेस्ता]] के गाथाओं के जैसे स्वरों में होना, ऋग्वेद मेंइसमें कुछ गिने-चुने हिन्दू देवताओं का वर्णन और [[चावल]] जैसे अनाज का न होना इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।
 
== गठन ==