"सामाजीकरण": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो Ekkaroshan10 (Talk) के संपादनों को हटाकर Sanjeev bot के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया |
|||
पंक्ति 12:
इकाई के हाथों न होकर समूह द्वारा बनाये होती है। ये व्यक्ति से बाहर हैं और उसके ऊपर बाध्यता भी आरोपित करते हैं। इस प्रकार व्यक्ति सामाजीकरण के रूप में इन सामूहिक प्रतिनिधानों को आत्मसात् करते हुए समाज की सक्रिय तथा उपयोगी इकाई बनता है जिससे समाज में एकता भी बनी रहती है।
1. जी.एच.मीड (1934), माइंड, सेल्फ़ ऐंड सोसाइटी, शिकागो युनिवर्सिटी प्रेस, शिकागो.
|