"रणबीर दण्ड संहिता": अवतरणों में अंतर

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*रणबीर दंड संहिता की धारा 167 A के मुताबिक़ जो भी सरकारी कर्मचारी किसी ठेकेदार को उसके नाकरदा काम के लिए भुगतान स्वीकार करते हैं, वह कानूनी तौर पर सज़ा के हक़दार हैं। रिश्वतखोरी से जुड़ी यह महत्वपूर्ण धारा आईपीसी में मौजूद नहीं है।
*रणबीर दंड विधान की धारा 420 A सरकार और सक्षम अधिकारी अथवा [[प्राधीकरण]] की ओर से किसी समझौते में छल अथवा धोखाधड़ी की सज़ा का निर्धारण करती है। ऐसा स्पष्ट व्याकरण आईपीसी में नहीं है।
*रणबीर दंड संहिता की धारा 204 A साक्ष्य मिटाने या बिगाड़ने की सज़ा का स्पष्ट निर्धारण करती है। इस वषयविषय पर ऐसी स्पष्टीकरण आईपीसी में नहीं है।
*रणबीर दंड संहिता की धारा 21 सार्वजनिक नौकरी का दायरा व्याख्यित करती है जबकि भारतीय दंड संहिता में इसका दायरा सीमित है।