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* '''सायण''' - ये मध्यकाल का लिखा सबसे विश्वसनीय, संपूर्ण और प्रभावकारी भाष्य है। विजयनगर के महाराज बुक्का (वुक्काराय) ने वेदों के भाष्य का कार्य अपने आध्यात्मिक गुरु और राजनीतिज्ञ अमात्य माधवाचार्य को सौंपा था। पमन्चु इस वृहत कार्य को छोड़कर उन्होंने अपने छोटे भाई सायण को ये दायित्व सौंप दिया। उन्होंने अपने विशाल ज्ञानकोश से इस टीका का न सिर्फ संपादन किया बल्कि सेनापतित्व का दायित्व भी २४ वर्षों तक निभाया।
 
=== आधुनिक भाष्य तथा व्याख्या ===
आधुनिक कल में ऋग्वेद को समझने हेतु महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वारा "ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका" की रचना की गई। और उस भाष्य का फिर आगे सरल संस्कृत एवं हिन्दी में अनुवाद प॰ गुरुदत्त विद्यार्थी ने किया ।
* rugved slock
 
इसी प्रकार स्वामी जी ने यजुर्वेद का भी भाष्य लिखा। उन्होने अंधविश्वास मिटाने हेतु और सत्य विद्या को जन जन तक पहुँचने हेतु " सत्यार्थ प्रकाश " नामक ग्रंथ की रचना की ।
 
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== इन्हें भी देखें ==
 
* [[ऋग्वेद संहिता]]
* [[वैदिक साहित्य]]