"लिंगायत मत": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Basava Gaint Statue 108 feet, Basava Kalyana.JPG|right|thumb|300px|लिंगायतों में गुरु [[वसवबसव|बसवेश्वर]] की बहुत प्रतिष्ठा है।]]
'''लिंगायत''' मत भारतवर्ष के प्राचीनतम सनातन हिन्दू धर्म का एक हिस्सा है। इस मत के ज्यादातर अनुयायी दक्षिण भारत में हैं। यह मत भगवान शिव की स्तुति आराधना पर आधारित है। भगवान शिव जो सत्य सुंदर और सनातन हैं, जिनसे सृष्टि का उद्गार हुआ, जो आदि अनंत हैं। हिन्दू धर्म में त्रिदेवों का वर्णन है जिनमें सर्वप्रथम भगवान शिव का ही नाम आता है। शिव जिनसे सृष्टि की उत्पत्ति हुई। इसके पश्चात भगवान ब्रह्मा की उत्पत्ति जो सम्पूर्ण जगत को जीवन प्रदान करते हैं। भगवान विष्णु जो सम्पूर्ण जगत के पालनहार हैं। तीसरे अंश भगवान महेश (शंकर) की उत्पत्ति जीवन अर्थात अमुक्त आत्माओं को नष्ट करके पुनः जीवन मुक्ति चक्र में स्थापित करना है। लिंगायत सम्प्रदाय भगवान शिव जो कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश, चराचर जगत के उत्पत्ति के कारक हैं उनकी स्तुति आराधना करता है। आप अन्य शब्दों में इन्हें शैव संप्रदाय को मानने वाले अनुयायी कह सकते हैं। इस सम्प्रदाय की स्थापना 12वीं शताब्दी में महात्मा बसवण्णां ने की थी।<ref>{{cite book
| title = स्पीकिंग ऑफ शिव