"स्तरिकी": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Quebrada_de_Cafayate,_Salta_(Argentina).jpg|300px|thumb|right|[[अर्जेंटीना]] में भूवैज्ञानिक तबके]]
[[चित्र:Geology of Cyprus-Chalk.jpg|300px|thumb|right|साइप्रस में एक चट्टान में चाक की परतें]]
'''स्तरित शैलविज्ञान''' या '''स्तरिकी''' (Stratigraphy) [[भौमिकी]] की वह यह शाखा है जिसके अंतर्गत [[पृथ्वी]] के शैलसमूहों, खनिजों और पृथ्वी पर पाए जानेवाले जीव-जंतुओं का अध्ययन होता है। पृथ्वी के धरातल पर उसके
स्तरित शैलविज्ञान को कभी कभी '''ऐतिहासिक भौमिकी''' (हिस्टोरिकल जिओलोजी) भी कहते हैं जो वास्तव में स्तरित शैलविज्ञान की एक शाखा मात्र है। इतिहास में पिछली घटनाओं का एक क्रमवार विवरण होता है; पर स्तरित शैलविज्ञान पुरातन भूगोल और विकास पर भी प्रकाश डालता है। प्राणिविज्ञानी (Zoologist), जीवों के पूर्वजों के विषय में स्तरित शैलविज्ञान पर निर्भर हैं। वनस्पतिविज्ञानी (Botanist) भी पुराने पौधों के विषय में अपना ज्ञान स्तरित शैलविज्ञान से प्राप्त करते हैं। यदि स्तरित शैलविज्ञान न होता तो भूआकृतिविज्ञानी (geomorphologists) का ज्ञान भी पृथ्वी के आधुनिक रूप तक ही सीमित रहता। शिल्पवैज्ञानिक (Technologists) को भी स्तरित शैलविज्ञान के ज्ञान के बिना अँधेरे में ही कदम उठाने पड़ते।
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