"सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'": अवतरणों में अंतर

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== लेखनकार्य ==
निराला ने 1920 ई० के आसपास से लेखन कार्य आरंभ किया। उनकी पहली रचना 'जन्मभूमि' पर लिखा गया एक गीत था। लंबे समय तक निराला की प्रथम रचना के रूप में प्रसिद्ध जूही की कली शीर्षक कविता, जिसका रचनाकाल निराला ने स्वयं 1916 ई० बतलाया था, वस्तुतः 1921 ई० के आसपास लिखी गयी थी तथा 1922 ई० में पहली बार प्रकाशित हुई थी। कविता के अतिरिक्त कथासाहित्य तथा गद्य की अन्य विधाओं में भी निराला ने प्रभूत मात्रा में लिखा है।
 
=== प्रमुख कृतियाँ ===
'''काव्यसंग्रह''':- 'जूही की कली' कविता की रचना 1916 में की गई। [[अनामिका]] (1923), [[परिमल]] (1930), [[गीतिका]] (1936), [[अनामिका (द्वितीय)]] (1938)। अनामिका के दूसरे भाग में सरोज सम़ृति और [[राम की शक्तिपूजा]] जैसे प्रसिद्ध कविताओं का संकलन है। [[तुलसीदास]] (1938), [[कुकुरमुत्ता]] (1942), [[अणिमा]] (1943), [[बेला]] (1946), [[नये पत्ते]] (1946), [[अर्चना]](1950), [[आराधना]] 91953), [[गीत कुंज]] (1954), [[सांध्यकाकली]], [[अपरा]], [[बादल राग]]<ref>[https://www.zigya.com/blog/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A4-%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%80-%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B2/ बादल राग] बादल राग सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की सबसे लम्बी रचना है, बादल राग कविता अनामिका में छः खंडो में प्रकाशित है।</ref>।