"अजातशत्रु (मगध का राजा)": अवतरणों में अंतर

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→‎विस्तार नीति: Already mentioned as Prasenajit in hindi and pasandi in Pali as the same for his son Virudhaka in hindi and virudhaba in pali. Thanks कुलीन छत्रीय
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बिंबिसार ने मगध का विस्तार पूर्वी राज्यों में किया था, इसलिए अजातशत्रु ने अपना ध्यान उत्तर और पश्चिम पर केंद्रित किया। उसने कोसल एवं पश्चिम में काशी को अपने राज्य में मिला लिया। वृजी संघ के साथ युद्ध के वर्णन में 'महाशिला कंटक' नाम के हथियार का वर्णन मिलता है जो एक बड़े आकर का यन्त्र था, इसमें बड़े बड़े पत्थरों को उछलकर मार जाता था। इसके अलावा 'रथ मुशल' का भी उपयोग किया गया। 'रथ मुशल' में चाकू और पैने किनारे लगे रहते थे, सारथी के लिए सुरक्षित स्थान होता था, जहाँ बैठकर वह रथ को हांककर शत्रुओं पर हमला करता था।<ref name=ROMILLA/>
 
[[पालि]] ग्रंथों में अजातशत्रु का नाम अनेक स्थानों पर आया है; क्योंकि वह बुद्ध का समकालीन था और तत्कालीन राजनीति में उसका बड़ा हाथ था।<ref>{{citeweb|url=http://timesofindia.indiatimes.com/city/patna/A-relic-of-Mauryan-era/articleshow/14035973.cms|title=A relic of Mauryan era}}</ref> उसका मंत्री वस्सकार कुशल राजनीतिज्ञ था जिसने लिच्छवियों में फूट डालकर साम्राज्य का विस्तार किया था। कोसल के राजा प्रसेनजित ढाका को हराकर अजातशत्रु ने [[राजकुमारी वजिरा]] से [[विवाह]] किया था जिससे [[काशी]] जनपद स्वतः यौतुक रूप में उसे प्राप्त हो गया था। इस प्रकार उसकी इस विजिगीषु नीति से मगध शक्तिशाली राष्ट्र बन गया। परंतु पिता की हत्या करने के कारण [[इतिहास]] में वह सदा अभिशप्त रहा। रहा।पसंदी/प्रसेनजित ढाका का राज्य कोसल के राजकुमार विडूडभ/वीरू ढाका ने छीन लिया था। उसके राजत्वकाल में ही विडूडभ/वीरू ढाका ने शाक्य प्रजातंत्र का ध्वंस किया था।
Prasenajit Dhaka in Hindi and Pasenadi in Pali and his Son's name Virudhaka in Hindi and Virudhaba in Pali languages.
 
== मृत्यु ==